
-तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर ‘खेल’, अवैध कब्जे, मिट्टी तक बेच रहे
-मुख्यमंत्री से शिकायत, चेयरमैन, अधिशासी अभियंता एवं अवर अभियंता पर गंभीर आरोप
विष्णु सिकरवार
आगरा। नगर पंचायत खेरागढ़ काफी समय से भ्रष्टाचार, मनमानी, गलत कार्य, तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर अवैध कब्जे, मिट्टी को बेचे जाने जैसे अवैध कार्यों का मुख्य केंद्र बना हुआ है। तमाम शिकायतों के बाद भी अवैध कार्यों को बेख़ौफ़ और डंके की चोट पर किया जा रहा है। इस ठेकेदार को खेरागढ़ चेयरमैन,अधिशासी अभियंता एवं अवर अभियंता का वरदहस्त हासिल है, जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग और ऊपरी कमाई का खेल खुलकर होना बताया गया है। क्षेत्रीय निवासी धर्मेंद्र तोमर द्वारा ऑनलाइन की गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ठेकेदार अनिल कुमार मनमानी करते हुए गाटा संख्या 409 मौजा नगला उदैया रकवा 0.4810 पर तालाब का सौंदर्यीकरण करने के बजाय 0.2400 पर कार्य किया जा रहा है। बाकी रकवा 2410 पर मोटी रकम लेकर अवैध तरीके से कार्य करवाया जा रहा है। शिकायतों के बाद भी नगर पंचायत खेरागढ़ के चेयरमैन, ईओ व अवर अभियंता ने गलत कार्यों की ओर से मिलीभगत के चलते आंखें मूंद रखी है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उक्त अधिकारियों की भी लेनदेन एवं भ्रष्टाचार में संलिप्तता है। सर्वोच्च न्यायालय का यह स्पष्ट आदेश है कि तालाब पोखर पर किसी तरह का कोई कब्जा न कर पाए पर यहां तो रक्षक ही भक्षक हो रहे हैं।
हो उच्च स्तरीय जांच व जांच होने तक खेरागढ़ चेयरमैन के अधिकारों पर लगे रोग
इसी क्रम में क्षेत्रीय निवासी व समाजसेवी सुरेश ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर संबंधित ठेकेदार एवं नगर पंचायत खेरागढ़ के ईओ, जेई,चेयरमैन व आला अफसरों पर तालाब के सौंदर्यीकरण के कार्यों में हेरा फेरी, तालाब पर अतिक्रमण व अवैध कब्जे और तालाब की मिट्टी को पैसे लेकर बिक्री करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायतकर्ताओं की मांग है कि खेरागढ़ नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी जेई,चेयरमैन के क्रियाकलापों की जांच करते हुए जांच जारी रहने तक उनके अधिकारों को सीज कर दिया जाए तथा किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी या उच्च अधिकारी से इन मामलों की जांच कराई जाए। जिससे सरकारी धन के दुरुपयोग और तालाब की भूमि पर अवैध कब्जे और ठेकेदार से मिलीभगत का मामला निकलकर सामने आ सके। दोनों शिकायतकर्ताओं ने गलत कार्यों, हेरा फेरी, शासन के निर्देशों की अवहेलना, तालाबों पर कब्जे, मिट्टी बेचने जैसे गंभीर आरोपों की शासन स्तर से उच्च स्तरीय जांच करवा कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है।