
नोएडा /नोएडा शहर में बड़े भूमि घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है। इस घोटाले को महर्षि योगी आश्रम ट्रस्ट, अथॉरिटी के अफसर और भूमाफिया मिलकर अंजाम दे रहे हैं। इसकी शिकायत सीईओ लोकेश एम. से लेकर शासन स्तर तक की जा चुकी है। इस मामले को लेकर अब सीईओ ने सख्त रुख अपनाया है। सीईओ ने लापरवाही बरतने और मामले में लीपापोती करने के आरोपी ओएसडी अविनाश त्रिपाठी से चार्ज छीन लिया है। हाल में लैंड विभाग का एक ऑडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें एक तहसीलदार ऑडियो में लेनदेन की बात कर रहा है। दोनों मामलों को हमारी टीम ने प्रमुखता से उठाया है।
*जिम्मेदारियों पर खरे नहीं उतरे ओएसडी*
चर्चाएं हैं कि किसान अपनी समस्याएं लेकर अविनाश त्रिपाठी के पास पहुंचते थे, लेकिन समस्याओं का समाधान नहीं हो पता था। किसान भी उनसे नाखुश थे। वहीं, महर्षि मामले में नोटिस भेजने के अलावा कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। साथ ही जिम्मेदारी खुद के बजाय किसी और के कंधे पर डाल दी। ऐसे में अपनी जिम्मेदारियों पर वह खरे नहीं उतरे। इसलिए सीईओ ने एक्शन लेकर उनसे चार्ज छीन लिया है। सीईओ का साफ संदेश है कि किसी भी प्रकार से जमीन पर अवैध कब्जा नहीं करने दिया जाएगा।
*हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर का किया जा रहा दुरुपयोग*
महर्षि योगी आश्रम और आसपास के इलाके में ख़ाली पड़ी ज़मीनों पर अवैध रूप से क़ब्ज़ा किया जा रहा है। ऊंची टिन शेड लगाकर उसकी आड़ में प्लॉटिंग चल रही है। रातोंरात बड़े-बड़े शोरूम, दुकानें और कई-कई मंजिलें घर बनाकर खड़े किए जा रहे हैं। महर्षि योगी आश्रम की ज़मीन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कई साल पहले एक स्थगन आदेश जारी किया था। इस स्थगन आदेश का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। प्राधिकरण ज़मीन पर स्टे ऑर्डर बताकर डेमोलिशन नहीं करने का बहाना बनाता है। दूसरी ओर, स्थगन आदेश होने के बावजूद इस ज़मीन की ख़रीद-फ़रोख्त धड़ल्ले से की जा रही है। दिन-रात बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य चल रहा है।
*पूरी रात चलता है यह अवैध निर्माण*
महर्षि आश्रम की जमीन पर अवैध रूप से छोटे-छोटे आवासीय भूखंड बेचे जा रहे हैं। बड़ी संख्या में भूखंडों पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बना दिए गए हैं। महर्षि आश्रम की जमीन पर रातोंरात अवैध निर्माण हो रहा है। रात 9 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक बड़े-बड़े डंफर मिट्टी लेकर आते हैं। आश्रम में स्थित झील को मिट्टी से पूरी तरह पाट दिया गया है। यज्ञशाला और गऊशाला की जमीन पर प्लॉटिंग हो चुकी है। मौके पर कई इमारतें खड़ी हुई हैं। आपको बता दें कि वर्ष 2011 में नोएडा प्राधिकरण ने इस जमीन का अधिग्रहण करने का प्रयास किया था। तब भूमाफिया ने महर्षि आश्रम को धार्मिक स्थल बताकर विरोध किया था। आसपास से किराये की भीड़ इकट्ठा करके धरना-प्रदर्शन किया गया था। प्राधिकरण और तत्कालीन सरकार पर आरोप लगाया गया था कि गऊशाला, यज्ञशाला और धार्मिक गतिविधियों के लिए उपयोग हो रही ज़मीन को ग़लत ढंग से अधिग्रहित किया जा रहा है। इससे लोगों की धार्मिक आस्था पर चोट पहुंच रही है। लिहाज़ा, मजबूर होकर प्राधिकरण और सरकार को अपने पांव पीछे खींचने पड़े थे। अब उसी ज़मीन पर खुलेआम अवैध प्लॉटिंग चल रही है। इससे साफ हो जाता है कि धर्म की आड़ में धंधा चल रहा है।