चर्चित कांग्रेसी नेता एवं कथित दानवीर मनोज द्विवेदी की संपत्ति कुर्क

 

* तहसील प्रशासन कुर्ग संपत्ति कि नीलामी कराकर कामगारों को दिलाएगा बकाया रुपयया *

* श्री टाइम्स के वर्क रो ने श्रम आयुक्त से लगाई थी बकाया धनराशि दिलाए जाने की अर्जी
कठिन संघर्ष और आर्थिक समस्याओं से लड़ रहे बड़े छोटे कर्मचारी को श्रम आयुक्त लखनऊ ने दी राहत*

रायबरेली थ्री टाइम्स अखबार मैं कार्यरत रहे संपादक सहित करीब सात कर्मचारियों द्वारा श्रम अदालत में दायर मुकदमे की सुनवाई करते हुए सहायक श्रम आयुक्त ने श्री मीडिया वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वितीय तल जय हिंद कमर्शियल लालबाग लखनऊ के चेयरमैंन और प्रबंध संपादक मनोज द्विवेदी के खिलाफ एक करोड़ 25 लाख रुपए की वसूली कराए जाने का आदेश पारित किया है

श्रम अदालत द्वारा निर्धारित सीमा में के भीतर बकाया भुगतान न किए जाने पर यह धनराशि राजस्व वसूली की तरह वसूल किए जाने हेतु पिछले कई महीने पूर्व जारी की गई आर सी पर कार्रवाई करते हुए रायबरेली की सदर तहसील ने उनके गांव अटौरा बुजुर्ग मैं स्थित उनके नाम दर्ज जमीन कुर्क करने के बाद आज गांव में मुनादी और खेतों में झंडिया भी लगवा दी l
नायक तहसीलदार ने तहसील प्रशासन और पुलिस बल के साथ बाकीदार मनोज द्विवेदी की अटौरा बुजुर्ग स्थित भूमि को कर्क करके कानून से खिलवाड़ और कामगारों का रुपया हड़पने वाले चोर वा बेईमानों पर कार्रवाई कर कानून के जिंदा रहने का सबूत दिया है तहसील प्रशासन द्वारा लिए गए इस कड़े एक्शन के बाद से प्रदेश में अपने को दानवीर और वरिष्ठ समाजसेवी कहने वाले मनोज द्विवेदी के पैरों तले जमीन खिसक गई है इसके साथ-साथ इनके इर्द-गिर्द घूमने वाले ठेकेदार और शुभचिंतकों में बौखलाहट है संपत्ति कुर्क होने के बाद यह बात साफ हो गई है कि कम समय में गंदे आचरण से रुतबा शोहरत और अकूत संपत्ति अर्जित करने वाले दानवीर मनोज द्विवेदी के हंसते और मुस्कुरातें चेहरे के पीछे की सच्चाई अब किसी से छिपी नहीं है हालांकि सम्मान वजूद और दमन पर लगे कलंक और बेईमानी से बचने के लिए मनोज द्विवेदी शासन द्वारा जारी किए गए वसूली प्रमाण पत्र के अनुसार अगर एक करोड़ 25 लख रुपए की भरपाई करते हैं तो शायद उनकी कुर्क की गई संपत्ति नील।म होने से बच जाए
सन 2011 में जय हिंद कमर्शियल परिसर लालबाग लखनऊ में श्री मीडिया वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध संपादक श्री मनोज द्विवेदी ने एक चर्चित दैनिक हिंदी समाचार पत्र लॉन्च किया थ। इस संस्थान में सैकड़ो कर्मचारियों की
नियुक्त की गई और उनसे बराबर अलग-अलग विभागों के काम लिए जाते रहे संस्थान के संपादक राजेंद्र बहादुर सिंह एवं अन्य कर्मचारियों को संस्थान के लांच होने के कुछ वर्षों बाद से ही वेतन भुगतान नहीं हुआ पीड़ितों ने श्रम आयुक्त लखनऊ के यहां वेतन को लेकर अर्जी लगाई थी वर्षों से पारिश्रमिक पाने के लिए की जा रही फरियाद को गंभीरता से लेते हुए श्रम आयुक्त लखनऊ ने श्री मीडिया वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैंन व प्रबंध संपादक मनोज द्विवेदी के खिलाफ एक करोड़ 25 लाख रुपए का वसूली प्रमाण पत्र जारी कर दिया शासन के आदेश के बाद रायबरेली सदर के तहसीलदार ने तत्काल इस आदेश को अमल में लाते हुए संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई करने का ताना-बाना तैयार किया आज नायक तहसीलदार अपनी टीम व पुलिस बल के साथ अटौरा बुजुर्ग स्थित श्री मीडिया वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष व प्रबंध संपादक मनोज द्विवेदी की भूमि को चिन्हित करके उसपर सरकारी झंडा लगाकर संपत्ति कुर्क करने की बड़ी कार्रवाई की है हालांकि तहसील प्रशासन द्वारा की गई इस कार्रवाई से प्रदेश में अपने को दानवीर व वरिष्ठ समाजसेवी कहने वाले मनोज द्विवेदी के आगे पीछे घूमने वाल चाटुकर और सिपह सलाहकार जरूर नाराज है शायद उन्हें यह नहीं मालूम कि वह जिस शख्स के लिए आपसी मंत्रणा कर रहे हैं वह वाकई में एक बेईमान और चोर व बहुत बड़े ठग हैं भाजपा सरकार आने के बाद से अब तक रायबरेली में खरी कसौटी पर उतरकर तहसील प्रशासन ने बेजोड़ व काबिले तारीफ की कार्यवाही की है बहरहाल इसको लेकर पूरा प्रदेश तहसील प्रशासन के इस साहस को बेहतर करार दे रहे हैं

पूर्व प्रबंधक एवं संपादक मनोज द्विवेदी के कई रूप हैं इन्हें हमेशा मौके की तलाश रहती है इन्होंने भाजपा में भी किस्मत आजमाई लेकिन पार्टी में डाल नहीं गली बहुजन समाज पार्टी में भी एंट्री मरनी चाहिए लेकिन कामयाब नहीं हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नजदीकी कहे जाने वाले श्री द्विवेदी कि समाजवादी पार्टी में भी अंततः दाल नहीं गली और फिर आखिर में इन्हें कांग्रेस का दामन सामना पड़ा l पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की इन पर कृपा हुई और अपनी पत्नी सुधा द्विवेदी को सरेनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने में कामयाब हो गए धनवान और बाहुबली के जरिए पत्नी की किस्मत का बंद दरवाजा खुलवाने के लिए सरेनी विधानसभा क्षेत्र में भी आओ दाल नहीं गली सरेनी प्रबुद्ध जनता ने उनके फर्जी भौकाल को दरकिनार करते हुए सपा के पक्ष में मतदान किया कहा जाता है की श्रेणी के पूर्व विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह चुनाव जीत जाते लेकिन मनोज द्विवेदी के अपनी पत्नी सग मैदान में कूद जाने से कुछ ब्राह्मण मतदाता जो भाजपा के पक्ष में थे आखिर में ब्राह्मण के नाम पर कांग्रेस से जुड़ गए और वह चुनाव हार गए और सपा के पूर्व विधायक रहे राजा देवेंद्र प्रताप सिंह वर्तमान में विधायक बन गए यह भी कहा जा रहा है कि सपा के मुखिया से उनके अच्छे संबंध थे और सरेनी में सपा को जीतने के लिए ही मनोज द्विवेदी ने अपनी पत्नी को कांग्रेस से सरेनी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ाया था और सातवां विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के प्रत्याशी को चुनाव जीतने की भी मनोज द्विवेदी ने सुपारी दे रखी थी लेकिन वह अपने गांव घर में भी समाज सेवा का जादू नहीं चल पाए का ताल्लुक है दल कोई भी हो मनोज द्विवेदी अपनी मायावी छवि के चलते सट्टा लगाने में कभी नहीं चूकते जिले के लोगों का कहना है की मनोज द्विवेदी एक ऐसे व्यक्ति हैं जो अपना हो या पराया ठगी करने में नहीं चुकते इसीलिए इसीलिए कोई उन्हें मायावी कहता है तो कोई ठग तो कोई अस्थिर दिमाग का कांग्रेसी।

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