
विष्णु सिकरवार
आगरा। बालाजीपुरम स्थित चिरंजीव सेवासदन में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन व्यासपीठ पर विराजमान पूज्य संत स्वामी राम प्रपन्नाचार्य जी ने सुदामा चरित्र, शुकदेव पूजन आदि कथाओं का भावपूर्ण वर्णन किया तो श्रोतागण भक्ति के सागर में डूब गये।
पूज्य संत राम प्रपन्नाचार्य जी ने कहा श्रीमद् भागवत कथा सुनने का लाभ तभी है जब हम इसे अपने जीवन में उतारें और उसी के अनुरूप व्यवहार करें। उन्होंने कहा कि कथा सुनने से जन्म जन्म के पापों से मुक्ति मिलती हैं और संस्कार ब पुण्य का उदय होता है। जीवन में कितनी भी विकट परिस्थिति क्यों न आ जाए हमें अपना धर्म व संस्कार नहीं छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा नाम की चिंता छोड़ कर्म करो क्योंकि मीरा ने प्रभु से प्रीत लगायी और प्रभु की भक्ति की। आज मीरा को सब जानते हैं। मीरा का तो कोई परिवार नही रहा फिर आपके परिवार की पीढ़ियों से आपका नाम कब तक आगे बढ़ेगा अतः मीरा जैसी भक्ति करो।
मुख्य अतिथि डॉ अलौकिक उपाध्याय ने कहा संत ही सनातन संस्कृति के रक्षक हैं, हमें प्राचीन ग्रंथ व संतवाणी से प्रेरणा लेनी चाहिए।
कथा में आचार्य ब्रह्मचारी, डॉ0 अलौकिक उपाध्याय, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रदीप भाटी,पार्षद रवि दिवाकर,के के भारद्वाज,हरिकिशोर शास्त्री, बृज किशोर एडवोकेट,एम सी शर्मा,दिनेश पाराशर,मुन्ना लाल कुलश्रेष्ठ,महेंद्र सिंह,अर्जुन दास भक्तमाली आदि प्रमुख सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।