
बड़े पैमाने पर काटे जा रहे आम,नीम,शीशम जैसे प्रतिबंधित पेड़।
नैमिष टुडे
अभिषेक शुक्ला
सकरन/सीतापुर। क्षेत्र में प्रतिबंधित लकड़ी कटान चरम पर है। क्षेत्र में सक्रिय वन माफिया आए दिन वन विभाग के भ्रष्ट अफसरों की मिलीभगत के चलते आम,शीशम,नीम आदि जैसे प्रतिबंधित पेड़ों पर आरा चला रहे हैं, जिसके चलते वन क्षेत्र पर संकट गहराता नजर आ रहा है।पर्यावरण संरक्षण के लिए जहां शासन-प्रशासन के स्तर पर हर जतन किया जा रहा है,वहीं वन विभाग के जिम्मेदारों की अनदेखी से वन माफिया हरे पेड़ों पर आरा चला कर हरियाली के सारे मंसूबे ध्वस्त करने में लगे हैं। चर्चा है कि लकड़ी माफिया व वन विभाग के कुछ कर्मचारियों की साठगांठ से प्रतिबंधित हरे पेड़ों का कटान जारी है। इसका नजारा गांव में भी देखा जा सकता है, जहां प्रतिबंधित आम,नीम आदि के पेड़ों की कटाई बेखौफ होकर की जा रही है। बीते कुछ दिनों में वन रेंज बिसवां की ग्राम पंचायतो बरियारी,सकरन,सैदापुर,ताजपुर सलौली, झौवा, मुर्थना आदि से वन माफियों के द्वारा लगभग एक सैकड़ा प्रतिबंधित लकड़ी के पेड़ काट लिए गए, जिसमें वन विभाग की मिलीभगत के चलते अभी तक शून्य कारवाही हो सकी है। क्षेत्र में हो रहे इस अंधाधुंध कटान के चलते पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। वन विभाग के कर्मचारियों तथा लकड़ी ठेकेदारों के गठजोड़ से यह धंधा खूब फल-फूल रहा है। जिम्मेदार विभागों की सेटिंग का असर यह कि लकड़ी माफिया खुलेआम प्रतिबंधित आम के पेड़ों का कटान करा रहे हैं। इसके बाद भी जिम्मेदार जान बूझ कर अनजान बने हुए हैं।