नई दिल्ली। भारतीय सेना में अब “धनुष” की सेवा ली जाएगी। हां जी, यह ऐसा हथियार है, जो रेगिस्तान से लेकर पहाड़ों पर आसानी से इस्तेमाल किया जा सकेगा।कई सालों से इसका ट्रायल चल रहा था। इसे ‘देसी बोफोर्स’ कहा जा रहा है, क्योंकि यह पहियों वाली एक आधुनिक तोप है, जो विदेशी तोपों जैसी खासियतें रखती है।
सैन्य अधिकारियों के मुताबिक, “धनुष” स्वदेशी तोप का राजस्थान के थार के रेगिस्तान में फाइनल ट्रायल पूरी तरह से सफल रहा। जिसके साथ ही स्वदेशी तोप बनाने की परियोजना अहम मुकाम पर पहुंच गई है। हालांकि, इसे यहां तक पहुंचने में हजारों गोले दागने पड़े। एक रिपोर्ट में बताया गया कि, 5 हजार गोले दागने के बाद इसे कामयाब ठहराया गया है।
4 साल पहले भारतीय सेना ने 118 “धनुष” का ऑर्डर दिया था, लेकिन उसकी नाल फटने व कुछ अन्य तकनीकी अड़चनों के चलते यह सौदा अधर में लटक गया। वहीं, गोला-बारूद भी खराब गुणवत्ता वाला पाया गया था। इसे बनाने वालों का कहना है कि, अब “धनुष” की सारी खामियों को दूर कर दिया गया है। इसकी मार भी 40 किलोमीटर से ज्यादात तक हो गई है।
भारतीय सेना अब लगभग साढ़े 400 “धनुष” का ऑर्डर जारी कर सकती है। सालों बाद सेना को नई तोप मिलेंगी। ये तोपें एक बार में लगातार 45 राउंड फायर कर सकती हैं। 155 एमएम की तोपें हैं, जो 38 किमी तक मार कर सकती हैं। साथ ही यह गन पहाड़ों पर आसानों से तैनात हो सकेंगी।
“धनुष” को टुकड़ों में हिमालय के युद्धक इलाकों में तैनात किया जा सकेगा। बता दें कि, इसे डीआरडीओ ने निजी क्षेत्र की कंपनियां टाटा पावर व भारत फोर्ज के साथ मिलकर विकसित किया।