
नैमिष टुडे
अभिषेक शुक्ला
महमूदाबाद सीतापुर ब्लाक पहला के अंतर्गत घूरी पुर में लगातार बारिश के चले कुछ कच्चे मकान गिर गए हैं जिससे गरीब परिवार के पास रहने को घर नही वह तिरपाल के अन्दर रहने को मजबूर है आप को बता दें कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार जरूरत बंदों को छत मुहैया कराने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। लेकिन स्थानीय स्तर के जिम्मेदार खाऊ कमाऊ नीति के चलते वास्तविक पात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उपलब्ध कराने के लिए गंभीर नहीं है। यह आवास उन लोगों को ही उपलब्ध होता है जो लोग जिम्मेदारों की जेबो का वजन बढ़ाने में सक्षम होते हैं। यह नीति चाहे ग्रामीण अंचल हों या शहरी क्षेत्र सभी क्षेत्रों में समान रूप से लागू है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध कराने में की गई। धांधली की पोल इस बरसात ने खोल दी। जहां आवास योजना से वंचित पात्र लोग त्रिपाल व घास, फूस के छप्पर के नीचे रहने को मजबूर है।
जानकारी के अनुसार तहसील महमूदाबाद क्षेत्र के ब्लाक पहला की ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत घूरीपुर का है। जहां कच्ची मिट्टी के बने कच्चे मकान गिरकर ध्वस्त हो गए हैं। जिससे गरीब परिवार बेघर होकर त्रिपाल व पान्नी के नीचे रहने को मजबूर हो गए हैं। आपको बताते चलें जहां पर ग्राम बेहनापुर में छबीनाथ सिंह पुत्र शारदा बक्स सिंह निवासी ग्राम बेहनापुर जिनका बरसो पुराना कच्ची मिट्टी का बना मकान लगातार बारिश होने के कारण गिरकर ध्वस्त हो गया है। इनके द्वारा आवास योजना के तहत आवास की मांग की गई है। लेकिन इन्हें आवास उपलब्ध नहीं कराया गया है। वर्तमान में कच्चा मकान गिर जाने के बाद सर छुपाने के लिए इनके पास कोई जगह नहीं बच्ची और यह त्रिपाल और पान्नी डालकर रहने को मजबूर हो गए। गरीब परिवार का कहना है जिनकी सूचना लिखित तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दे दी गई है। तथा ब्लाक पहला के उच्च अधिकारियों को भी जानकारी दे दी गई है। मगर अभी तक कोई भी सक्षम अधिकारी मौके पर देखने नहीं पहुंचे। अब यह देखना है कि इन गरीब परिवार को सरकार की तरफ से चलाई जा रही महत्वाकांक्षी योजनाओं के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलेगा या फिर इस गरीब को बच्चों के साथ खुले आसमान के नीचे या फिर त्रिपाल व पान्नी के नीचे गुर्जर बसर करने को मजबूर होते रहेंगे। पीड़ित ने जिम्मेदारों से प्रधानमंत्री आवास योजना के आवास मुहैया कराने की मांग की है।