मण्डलीय चिकित्सालय में 100 बेड व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 10 बेड आरक्षित जनपद में डेगू को लेकर इलाज व सुविधाएं है उपलब्ध डेगू के लिए एलिजा टेस्ट की सुविधा मेडिकल कालेज में उपलब्ध

 

मण्डलीय चिकित्सालय में 100 बेड व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 10 बेड आरक्षित

जनपद में डेगू को लेकर इलाज व सुविधाएं है उपलब्ध
डेगू के लिए एलिजा टेस्ट की सुविधा मेडिकल कालेज में उपलब्ध

मिर्जापुर। डेंगू रोग से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार सक्रियता को बनाये हुए इसके लिए 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी 10 बेड का एक वार्ड आरक्षित कर दिया गया है। इस आशय की जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 सी0एल0 वर्मा ने दी।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि डेंगू रोकथाम के लिए विभागीय टीम लगातार निगरानी कर रही है। इसके रविवार को जिले के 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 10 बेड का एक वार्ड आरक्षित कर दिया गया है। साथ ही पर्याप्त मात्रा में बुखार की दवा के अलावा तमाम दवाओं को उपलब्ध करा दिया। इसके पहले मंडलीय चिकित्सालय में 100 बेड का वार्ड सुरक्षित करा दिया गया है। जिले में अब तक कुल 24 डेंगू के मरीज चिन्हित हुए हैं। टेस्ट की गति को भी बढ़ा दी गई है। एक दिन में बुखार से पीड़ित लगभग 700 मरीजो का टेस्ट किया जा रहा है। मौसम के बदलाव से भी बुखार के मरीज सामने आ रहे है और शंका होने पर उनका एलिजा टेस्ट भी कराया जा रहा है यहह टेस्ट मेडिकल कालेज बन जाने के बाद सुविधा जिले में ही उपलब्ध हो गयी है अब कही जाना नही पड़ता है और उसके बाद ही उन्हें डेगू मरीज घोषित किया जाता है।

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व जिला प्रतिरक्षण अधिकारी अनिल ओझा ने बताया कि डेगू व बुखार को देखते हुए विभाग की ओर से शहरी व ग्रामीण इलाकों में फागिग व एंटीलार्वा का छिड़काव लगातार कराया जा रहा है। डेंगू का एडीज नामक मच्छर हमेशा साफ पानी में ही पैदा होता है। यह दिन के समय ही अपना शिकार बनाती है। डेगू बीमारी एडीज मच्छर के काटे जाने पर ही फैलता है। इस बीमारी से ग्रसित लोगों को अचानक तेज बुखारए कमरए जोड़ों व सिर में असहनीय दर्द होता है। इस रोग में जी मचलाना व उल्टी आना और शरीर में छोटेण्छोटे दाने भी निकल आते हैं। मलेरिया बचाव का सबसे बेहतर उपाय है कि पूरे बांह के कपड़े पहनेए मच्छरदानी का इस्तेमाल करेंए क्रीम लगाए घर में मच्छररोधी अगरबत्ती का इस्तेमाल करें । घरों में किटनाशकों का छिड़काव करेंए खुली नालियों में मिट्टी का तेल डालें ताकि मच्छरों के लार्वा न पनपने पाएंए मच्छरों के काटने के समय शाम व रात को घरों और खिड़कियों के दरवाजे बंद कर लें। इन उपायों के बावजूद अगर लक्षण दिखें तो मलेरिया की जांच करवा कर इलाज करवाएं ।

जिलामलेरियाअधिकारीडाण् संजय द्विवेदी का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति में डेगू के लक्षण पाये जाते हैं तो उसे तुरन्त मंडलीय चिकित्सालय में सम्पर्क करना चाहिए। डेंगू का लाज मुफ्त उपलब्ध है।डेगूके इलाज में किसी भी नीम हकीम या अपने मन से इलाज करने से बचने का कार्य करना चाहिए। इसके साथ मण्डलीय चिकित्सालय में डेगू के मरीजों के दस बेड का एक वार्ड बनाया गया है इसके साथ ही हर सामुदायिक केन्द्र पर छह बेड का एक वार्ड मौजूद है।

 

डेंगूकेलक्षण.

 

1 तेजबुखारए बदनए सिरए जोड़ों एवं मांस पेशियों में दर्द।

 

2 त्वचा पर चकत्ते या लाल दाने उत्पन्न होना

 

3 आंखो के पीछे दर्द तथा आंखों को घुमाने पर तेज दर्द होता है।

 

4 गम्भीर मामलों में आंखएनाकएमुंहएमसूढ़ों व मलण्मूत्र के स्थान से खून आता है।

 

5 जी मिचालानाएउल्टी. दस्त तथा पेट में दर्द।

 

6 प्लेटलेट्स की संख्या का कम होना

 

डेंगूसेबचावः

 

1 घरों में रखे पानी को साप्ताहिक अन्तराल पर बदलते रहें।

 

2 कूलर का पानी बदलने के बाद टंकी को स्क्रब से रगड़कर साफ करें ताकि उस पर चिपके अण्डे व लार्वा ख़त्म हो जाएँ

 

3 शरीर को अधिकतम ढंकने वाले कपडें पहनें।

 

4 पीने के पानी के बर्तनों को ढंक कर रखें।

 

 

 

5 जलजमाव वाले स्थलोंव गड्ढ़ों को पाट दें।

 

6 मरीज को पूर्णरूप से आराम देंएचिकित्सक के परामर्श से पैरासीटामाल का सेवन करें।

 

डेंगू होने पर क्या न करेंः.

 

1 घर के आस पास एवं घर के अन्दर पानी एकत्र न होने दें

 

2 गन्द गीन फैलने देंएकूड़ाण्करकट एकत्र न होने दें।

 

3 बुखार के रोगी की देखभाल के लिए कमरे की खिड़की एवं दरवाजों को बिना जाली के न रखें।

 

4 डेगू का मच्छर दिन में ही काटता है इसलिए फुल आस्तीन के कपडे पहन कर रहें ।

 

5 नीम हकीम से इलाजन करायें।

जनपद में डेगू को लेकर इलाज व सुविधाएं है उपलब्ध
डेगू के लिए एलिजा टेस्ट की सुविधा मेडिकल कालेज में उपलब्ध

मिर्जापुर। डेंगू रोग से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार सक्रियता को बनाये हुए इसके लिए 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी 10 बेड का एक वार्ड आरक्षित कर दिया गया है। इस आशय की जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 सी0एल0 वर्मा ने दी।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि डेंगू रोकथाम के लिए विभागीय टीम लगातार निगरानी कर रही है। इसके रविवार को जिले के 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 10 बेड का एक वार्ड आरक्षित कर दिया गया है। साथ ही पर्याप्त मात्रा में बुखार की दवा के अलावा तमाम दवाओं को उपलब्ध करा दिया। इसके पहले मंडलीय चिकित्सालय में 100 बेड का वार्ड सुरक्षित करा दिया गया है। जिले में अब तक कुल 24 डेंगू के मरीज चिन्हित हुए हैं। टेस्ट की गति को भी बढ़ा दी गई है। एक दिन में बुखार से पीड़ित लगभग 700 मरीजो का टेस्ट किया जा रहा है। मौसम के बदलाव से भी बुखार के मरीज सामने आ रहे है और शंका होने पर उनका एलिजा टेस्ट भी कराया जा रहा है यहह टेस्ट मेडिकल कालेज बन जाने के बाद सुविधा जिले में ही उपलब्ध हो गयी है अब कही जाना नही पड़ता है और उसके बाद ही उन्हें डेगू मरीज घोषित किया जाता है।

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व जिला प्रतिरक्षण अधिकारी अनिल ओझा ने बताया कि डेगू व बुखार को देखते हुए विभाग की ओर से शहरी व ग्रामीण इलाकों में फागिग व एंटीलार्वा का छिड़काव लगातार कराया जा रहा है। डेंगू का एडीज नामक मच्छर हमेशा साफ पानी में ही पैदा होता है। यह दिन के समय ही अपना शिकार बनाती है। डेगू बीमारी एडीज मच्छर के काटे जाने पर ही फैलता है। इस बीमारी से ग्रसित लोगों को अचानक तेज बुखारए कमरए जोड़ों व सिर में असहनीय दर्द होता है। इस रोग में जी मचलाना व उल्टी आना और शरीर में छोटेण्छोटे दाने भी निकल आते हैं। मलेरिया बचाव का सबसे बेहतर उपाय है कि पूरे बांह के कपड़े पहनेए मच्छरदानी का इस्तेमाल करेंए क्रीम लगाए घर में मच्छररोधी अगरबत्ती का इस्तेमाल करें । घरों में किटनाशकों का छिड़काव करेंए खुली नालियों में मिट्टी का तेल डालें ताकि मच्छरों के लार्वा न पनपने पाएंए मच्छरों के काटने के समय शाम व रात को घरों और खिड़कियों के दरवाजे बंद कर लें। इन उपायों के बावजूद अगर लक्षण दिखें तो मलेरिया की जांच करवा कर इलाज करवाएं ।

जिलामलेरियाअधिकारीडाण् संजय द्विवेदी का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति में डेगू के लक्षण पाये जाते हैं तो उसे तुरन्त मंडलीय चिकित्सालय में सम्पर्क करना चाहिए। डेंगू का लाज मुफ्त उपलब्ध है।डेगूके इलाज में किसी भी नीम हकीम या अपने मन से इलाज करने से बचने का कार्य करना चाहिए। इसके साथ मण्डलीय चिकित्सालय में डेगू के मरीजों के दस बेड का एक वार्ड बनाया गया है इसके साथ ही हर सामुदायिक केन्द्र पर छह बेड का एक वार्ड मौजूद है।

 

डेंगूकेलक्षण.

 

1 तेजबुखारए बदनए सिरए जोड़ों एवं मांस पेशियों में दर्द।

 

2 त्वचा पर चकत्ते या लाल दाने उत्पन्न होना

 

3 आंखो के पीछे दर्द तथा आंखों को घुमाने पर तेज दर्द होता है।

 

4 गम्भीर मामलों में आंखएनाकएमुंहएमसूढ़ों व मलण्मूत्र के स्थान से खून आता है।

 

5 जी मिचालानाएउल्टी. दस्त तथा पेट में दर्द।

 

6 प्लेटलेट्स की संख्या का कम होना

 

डेंगूसेबचावः

 

1 घरों में रखे पानी को साप्ताहिक अन्तराल पर बदलते रहें।

 

2 कूलर का पानी बदलने के बाद टंकी को स्क्रब से रगड़कर साफ करें ताकि उस पर चिपके अण्डे व लार्वा ख़त्म हो जाएँ

 

3 शरीर को अधिकतम ढंकने वाले कपडें पहनें।

 

4 पीने के पानी के बर्तनों को ढंक कर रखें।

 

 

 

5 जलजमाव वाले स्थलोंव गड्ढ़ों को पाट दें।

 

6 मरीज को पूर्णरूप से आराम देंएचिकित्सक के परामर्श से पैरासीटामाल का सेवन करें।

 

डेंगू होने पर क्या न करेंः.

 

1 घर के आस पास एवं घर के अन्दर पानी एकत्र न होने दें

 

2 गन्द गीन फैलने देंएकूड़ाण्करकट एकत्र न होने दें।

 

3 बुखार के रोगी की देखभाल के लिए कमरे की खिड़की एवं दरवाजों को बिना जाली के न रखें।

 

4 डेगू का मच्छर दिन में ही काटता है इसलिए फुल आस्तीन के कपडे पहन कर रहें ।

 

5 नीम हकीम से इलाजन करायें।

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