डीएम साहिबा, आखिर आपके जिलें में क्यों नही चल रहा है बेखौफ भूमाफियाओं व बिल्डरों पर प्रशासन का चाबुक

डीएम साहिबा, आखिर आपके जिलें में क्यों नही चल रहा है बेखौफ भूमाफियाओं व बिल्डरों पर प्रशासन का चाबुक

– कहीं ऐसा तो नही, भुमाफियाओं व बिल्डरों के हाथों बिक गये हो, जिला प्रशासन के जिम्मेंदार अधिकारी?

– आखिर क्यों नही दिख रहा है, जिला प्रशासन के जिम्मेंदारों कोे नगर में खुलेआम हो रहा अवैध निर्माण?

सुलतानपुर जनपद में जिला मुख्यालय के अन्तर्गत जिले के भूमाफियाओं व बिल्डरों द्वारा बिना नख्सा-नजरी के महज जिला प्रशासन के जिम्मेंदार अधिकारियों को सुविधा के नाम पर लाखों का चढ़ावा चढ़ाकर प्रतिदिन कराये जा रहे एक नये भवन व काम्प्लेक्सों के अवैध निर्माण पर जिम्मेंदार विभाग के विभागाध्यक्ष ही नही बल्कि पूरें जिला प्रशासन की आंखों में हुए मोतिया बिन्द को आखिर जनता क्या समझें।

     गौरतलब हो कि जहां एक तरफ प्रदेश के मुखिया गोरक्षा पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ महराज प्रदेश भर में घूम-घूमकर हर जिलें से प्रदेश से भूमाफियाओं व माफियाओं को जड़ से उखाड़कर फेंक देने का दम्भ भर रहे है, वही दूसरी तरफ उन्ही के प्रदेश मे जनपद सुलतानपुर के अधिकारी व कर्मचारी खुलेआम सुविधा-शुल्क के नाम पर शहर के बिल्डरो व भूमाफियाओं से लाखो रुपयों में सौदा करके खुलेआम शहर की बेशकीमती करोड़ों की नजूल जमीनों को जिलें के भूमाफियाओं के हाथों बेंचकर अपनी तिजोरियां भरने में लगे हुए है। सूत्रों की अगर माने तो इस खेल में एक राजस्व लेखपाल से लेकर जिले की मुखिया जिलाधिकारी तक की संलिप्तता दिखाई पडती है!

जीं हां, अगर आप हमारी खबरों पर कत्तई यकींन मत करियेंगा, बल्कि खुद जनपद सुलतानपुर आकर अपनी खुली आंखों से यह देख सकतें है कि जिलें में किस तरह वर्तमान जिलें में तैनात राजस्व विभाग के उच्चाधिकारी अपर जिलाधिकारी राजस्व मनोज कुमार पाण्डेय, उपजिलाधिकारी सदर नियति प्राधिकारी चन्द्र प्रकाश पाठक, नियति प्राधिकरण जेई ज्ञान प्रकाश पाण्डेय जो कुछ ही दिनों में अपनें सर्विसकाल का समय पूर्ण करने जा रहे है। उक्त जिम्मेंदार जिलें के ये अधिकारी किस तरह से अपनें नगर में वर्षो से नागपाल की भूमिका निभा रहे अपने कमाऊपूत लेखपाल आई0पी0 सिंह, मनोज पाठक, रामपाल, सुशील कुमार आदि के द्वारा खुलेआम नगर क्षेत्र में भुमाफियाओं व बिल्डरों से लाखों का सौंदा करके नगर के करोड़ों की बेश कीमती नजूल जमीनों पर अवैध कब्जा करवाकर उसपर बड़ें-बड़े शोरूम, व बहुमंजलीय काम्प्लेक्सों का निर्माण करवाया जा रहा है।

पिछलें दिनों हमलावर न्यूज द्वारा नगर की नजूल जमींनों पर हो रहे निर्माणों को लेकर प्रमुखता से खबरें प्रकाशित की गयी। तो नगर की जनता को दिखानें के लिए और खुद के दामन पर लगे दाग को छिपानें के लिए उपजिलाधिकारी सदर चन्द्र प्रकाश पाठक, नियतिप्राधिकरण जेई ज्ञान प्रकाश पाण्डेय, इनके कमाऊपूत लेखपाल आई.पी. सिंह अपनें साथ नगर कोतवाल व हल्का सिपाहियों को लेकर नगर के पंचरास्ता रामलीला मैदान पहुंचकर वहां हो रहे निर्माण को रूकवा कर उस पर मुकदमा पंजीकृत किया गया। जनता को दिखानें के लिए दो-चार दिन नगर में चल रहे निर्माण कार्य को रूकवा भी दिया गया। नगर की जनता की निगाहों में खुद को पाकसाफ दिखाकर सप्ताह भी नही बीता कि दूसरा कार्य शुरू करा दिया गया।

मौजूदा वक्त में अगर जमीनी हकींकत को देखा जाय तो सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से महज 500 मीटर की दूरी पर चौक घंटाघर जगरामदास रामानन्द कपड़ें की दुकान के पास, सब्जीमण्डी मेनरोड पर ही रामदुलार मौर्य बीज भण्डार के निकट, कुड़वार रोड पर नवीन हार्डवेयर के ठीक सामनें, गभड़िया क्षेत्र सहित नगर के विभिन्न क्षेत्रों में खुलेआम कही दिन में तो कही रात्रि में निर्माण कार्य चल रहा है। किन्तु जिलें की बदनसीबीं जिलें के जिम्मेंदार अधिकारियों की आख में मोतियाविन्द1 होने के चलतें उन्हें दिखाई नही पड़ रहा है।

हद तो इस बात पर होती है कि जब बिल्डरों से मीडिया द्वारा पूछां जाता है कि आपलोग बेखौफ इस तरह नजूल जमींनों पर निर्माण करवा रहे हो आपकों प्रशासन से डर नही लगता, तो जिलें के बेखौफ भूमाफिया व बिल्डर कहतें है कि आखिर डर किस बात का, इसी कार्य के लिए तो हमलोग निर्माण शुरू करने से पूर्व ही लेखपाल से लेकर जिलाधिकारी तक का हिस्सा पहुंचा देते है। ताकि हमें कोई परेशान न करें।

सोचनीय बात तो यह है कि आखिर किसे सच मानें, जिलें के उन जिम्मेंदार अधिकारियों को जो खुद को जनता व मीडिया के सामनें पाकसाफ साबित करने में लगे रहतें है, या फिर नगर के उन भूमाफियाओं व बिल्डरों को जो खुलेआम यह कह रहे है कि नगर की बेशकीमती करोड़ों की जमीनों पर अवैध कब्जा व नियम विरूद्व निर्माण करानें के लिए ही तो मैनें निर्माण से पूर्व सुविधा-शुल्क के नाम पर लाखों रूपयें लेखपाल से लेकर जिलाधिकारी तक चढ़ावा चढ़ावा चढ़ा रहे हैं। अगर नगर के बिल्डरों व भूमाफियाओं की न मान कर जिला प्रशासन के अधिकारियों को ही सही माना जाय, तो आखिर क्या कारण है कि भूमाफियाओं व बिल्डरों द्वारा नगर में खुलेआम किये जा रहे करोड़ों की नजूल जमीनों पर कब्जा, व नियम विरूद्व निर्माण पर जिला प्रशासन का चाबुक क्यों नही चल रहा है? यह एक यक्ष प्रश्न है जिसका जबाब नगर की जनता इस खबर के जरियें अपनें जिलें की ईमानदार जिलाधिकारी जसजीत कौर से जानना चाह रही है।

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