लखनऊ: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस के बारे में की गई टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी इस ग्रंथ के कुछ हिस्सों पर आपत्ति जताई है. मौर्य ने तुलसीदास द्वारा रचित रामायण के एक लोकप्रिय संस्करण रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर यह कहते हुए पाबंदी लगाने की मांग की है कि उनसे समाज के एक बड़े तबके का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता है. उन्होंने आगे कहा, ‘स्वाभाविक रूप से रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिस पर हमें पहले भी घोर आपत्ति थी, आज फिर कह रहा हूं कि किसी भी धर्म को गाली देने का अधिकार किसी को भी नहीं है. ये तुलसी बाबा की ही रामायण की चौपाई है, जिसका एक अंश है, जिसमें सीधे-सीधे जाति को लेकर, अधम जाति होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं तुलसी बाबा.’