
सीतापुर , ग्राम पंचायत बेहमा में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुद “बीमार”डॉक्टर नदारद, दवाएं गायब, सफाई का नामोनिशान नहीं ग्रामीण बेहाल
अनुज कुमार जैन
सीतापुर, विकास खंड पहला।
ग्राम पंचायत बेहमा में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) की बदहाल स्थिति ने क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है। दर्जनों गांवों की स्वास्थ्य ज़िम्मेदारी संभालने वाला यह केंद्र खुद बीमार नजर आता है। यहां न नियमित डॉक्टर मौजूद हैं, न ज़रूरी दवाएं और न ही सफाई व्यवस्था — जिससे क्षेत्रीय ग्रामीणों को इलाज के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मौके पर डॉक्टर नदारद, कर्मियों की संख्या अधूरी
मंगलवार सुबह करीब 10:30 बजे दैनिक भास्कर डिजिटल ऐप की टीम ने जब मौके का जायजा लिया तो PHC में केवल वार्ड ब्वॉय श्रीराम वर्मा, स्टाफ नर्स शिशु यादव और एल.टी. कैलाश श्रीवास्तव ही मौजूद मिले। जबकि नियमानुसार यहां कम से कम पाँच स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती होनी चाहिए थी।
तैनात एकमात्र होम्योपैथिक डॉक्टर सत्यवीर सिंह ने बताया कि उन्हें उस दिन CSC पहला में ड्यूटी पर जाना था, इसलिए उपस्थित नहीं हो सके। एलोपैथिक डॉक्टर की लगातार अनुपस्थिति ग्रामीणों के लिए सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है।
आपात स्थिति में और भी बिगड़ता है हालात
ग्रामीणों का कहना है कि रात के समय इमरजेंसी में कोई व्यवस्था नहीं होती। ऐसे में वे या तो महंगे निजी क्लीनिक का सहारा लेते हैं या फिर झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाने को मजबूर होते हैं। इससे न केवल आर्थिक शोषण होता है, बल्कि स्वास्थ्य को भी गंभीर खतरा बना रहता है।
बदहाल सफाई और मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी
अस्पताल परिसर में गंदगी फैली हुई है। पीने के पानी के लिए लगा RO टैंक निष्क्रिय पड़ा है और मरीजों को पानी खुद साथ लाना पड़ता है। अस्पताल परिसर में बने स्टाफ क्वार्टर भी जर्जर हालत में हैं, जिनमें झाड़ियां और गंदगी जमा है, जिससे स्वास्थ्यकर्मियों को भी असुविधा झेलनी पड़ती है।
दवाएं भी नाममात्र की
PHC में आवश्यक जीवनरक्षक दवाओं की लगातार कमी बनी रहती है। सर्दी, जुकाम, बुखार जैसी सामान्य बीमारियों के लिए ही कुछ दवाएं उपलब्ध हैं। गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए मरीजों को बाहर जाना पड़ता है।
ग्रामीणों ने उठाई आवाज
रामकृपाल, आलिया (नैगढ़ी), सूबेदार सिंह (बेहमा), रितेश सोनी, बबलू गुप्ता जैसे कई ग्रामीणों ने PHC पर स्थायी एलोपैथिक डॉक्टर की तैनाती और सुविधाओं के विस्तार की मांग की है।
CSC अधीक्षक का जवाब— सिर्फ औपचारिकता
जब अस्पताल की बदहाली और सफाई की स्थिति के बारे में CSC पहला के अधीक्षक आनंद कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने मात्र इतना कहा कि “हम इस पर कार्य करवा रहे हैं”। लेकिन जमीनी स्तर पर इसका कोई असर नजर नहीं आ रहा।
सरकारी योजनाएं और बजट कहां जा रहे हैं?
बेहमा का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र न डॉक्टर, न दवा, न सफाई और न ही व्यवस्थाओं से सुसज्जित है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं और बजट का लाभ जनता तक कब पहुंचेगा? कब तक ग्रामीण उपेक्षा और बदइंतजामी का शिकार होते रहेंगे?