
हाइकोर्ट के प्रशासनिक जज व प्रशासनिक न्यायमूर्ति सीतापुर मनोज बजाज ने किया माँ ललिता देवी लीगल एड क्लिनिक का उद्घाटन
सीतापुर / नैमिषारण्य में आदि शक्ति माँ ललिता देवी मंदिर परिसर में वंचितों/असहायों व सबके लिए न्याय हेतु माँ ललिता देवी लीगल एड क्लिनिक का उद्घाटन हाइकोर्ट के प्रशासनिक जज व प्रशासनिक न्यायमूर्ति सीतापुर मनोज बजाज ने किया। दोपहर करीब दो बजे प्रशासनिक जज मनोज बजाज सपरिवार माँ ललिता देवी मंदिर पहुंचे जहां सर्व प्रथम उन्होंने माता ललिता देवी के दर्शन किये प्रधान पुजारी पंडित गोपाल शास्त्री व पुजारी लाल बिहारी ने उनको पूजन अर्चन कराया।
प्रशासनिक न्यायमूर्ति मनोज बजाज ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्य-जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीतापुर में मध्यस्थता केंद्र का संचालन किया जाता है। उक्त मध्यस्थता केंद्र में पांच अधिवक्ता कार्यरत हैं। मध्यस्थता केंद्र में पक्षकारों से वार्ता कर उनके विवाद आपसी सहमति व सुलह समझौता के अधार पर निपटाया जाता है। मध्यस्थता केंद्र में न्यायालयों में वाद दाखिल होने के उपरांत प्रकरण सन्दर्भित होता है तथा बिना न्यायालय में वाद दाखिल किये हेतु पक्षकार भी अपना वाद मध्यस्थता केंद्र के माध्यम से सुलह समझौता केंद्र में दाखिल कर सकते है। पराविधिक स्वयं सेवकों एवम पैनल लॉयर का जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में सहयोग किया जाता है। जिला विधिक सेवा प्रधिकरण सीतापुर में कुल 47 पराविधिक स्वयं सेवक जिला स्तर पर एवं तहसील स्तर पर कार्यरत है। उक्त पराविधिक स्वयं सेवकों, पीड़ितों, वंचितों तथा विभागों की लाभकारी योजनाओं के मध्य सामंजस्य स्थापित करने का कार्य करते है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्रधिकरण की स्कीम दिशा के तहत प्रो0 बोनो अधिवक्ता जिला विधिक सेवा प्रधिकरण से जुड़े हैं, जिसके माध्यम से मुफ्त/निशुल्क तरीके से पीड़ितों वंचितों को कानूनी सहायता प्रदान की जाती है।
*लगेगी वैवाहिक विवाद की वाद पूर्व मध्यस्थता की विशेष अदालत।*
वैवाहिक विवाद के अंतर्गत दंपत्तियों के मामलों में जिला विधिक सेवा प्रधिकरण विशेष अदालत लगाएगा जिसके तहत प्रार्थना पत्र देने के बाद प्राधिकरण के द्वारा दोनो पक्षो को नोटिस भेज कर बुलाया जाएगा और लोक अदालत के माध्यम से विशेषज्ञों द्वारा पक्षों का सुलह समझौता कराया जायेगा पक्षों द्वारा किये गए समझौतों के सम्बंध में अदालत अपना निर्णय पारित करेगा और उक्त निर्णय पक्षों के मध्य सिविल न्यायालय की डिक्री के समान बाध्यकारी होगा।
*देवालयों में अर्पित फूलों से रोजगार का सृजन होगा।*
अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नरेंद्र नाथ त्रिपाठी ने बताया कि नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र के देवालयों में चढ़ाए गए फूलों को अधिकतर फेक दिया जाता है जिस कारण नदियों में प्रदूषण बढ़ता है गंदगी के कारण नदियों का ऑक्सीजन कम हो रहा और जलीय जन्तुआंे को इससे हानि पहुंच रही है इसके लिए एक प्रोजेक्ट के तहत जेल में निरुद्ध बंदियों को प्रशिक्षित किया गया है और इसी प्रोजेक्ट के तहत सभी देवालयों में चढ़ाए गए फूलों को एकत्रित करके जिला जेल भेजा जाएगा, जहाँ इन फूलों से धूपबत्ती व अन्य उत्पाद बनाये जाएंगे। इससे निरुद्ध बंदियों को व लोगो को रोजगार मिलेगा। उन्होंने बताया कि यदि जन सहयोग मिला तो यही कार्यक्रम वैवाहिक आयोजनों में इस्तेमाल फूलों को एकत्रित किया जाएगा। इस हेतु केंद्रीय औषधि एवम सगन्ध पौधा संस्थान (सीमैप) लखनऊ ने एक टेक्नोलॉजी विकसित किया है, जिसमें फूलों से उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण सीमैप द्वारा जिला जेल में बंदियों को मुफ्त में दिया गया है।
इस अवसर पर जिला जज तृतीय मनोज कुमार, भगीरथ वर्मा अपर जिला जज (रिसीवर माँ ललिता देवी मंदिर), नरेंद्र नाथ त्रिपाठी अपर जिला जज व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला जेल अधीक्षक सुरेश कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।