स्व पंडित चन्द्रेश मिश्रा की मनी प्रथम पूण्यतिथि उनके आदर्शो को जीवन मे आत्म सात करने का संकल्प

*स्व पंडित चन्द्रेश मिश्रा की मनी प्रथम पूण्यतिथि उनके आदर्शो को जीवन मे आत्म सात करने का संकल्प*

जौनपुर/ अरुण कुमार दूबे

जनपद के वरिष्ठ पत्रकार रहे स्व पंडित चन्द्रेश मिश्रा की प्रथम पूण्य तिथि कलेक्ट्रेट स्थित प्रेक्षागृह में पूर्व डीन ला विभाग पूर्वांचल विश्वविद्यालय डाॅ पीसी विश्वकर्मा की अध्यक्षता में मनाई गयी। जिसमे वक्ताओ ने पंडित जी जीवन काल की तमाम घटनाओ और संस्मरणो को बताते हुए उनके आदर्श को बताया और उनके बताये मार्ग पर चलकर समाज को जोड़ने की दिशा में काम करने का संकल्प ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धान्जलि होगी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे गिरीश चन्द यादव को वाराणसी में एक जरूरी मीटिंग में भाग लेने के कारण जनपद मुख्यालय पर आने के पश्चात स्व पंडित चन्द्रेश मिश्रा जी के आवास पर पहुंचकर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धान्जलि अर्पित किया गया। उन्होंने कहा कि पंडित जी का हमेशा हम लोगो को आशिर्वाद और स्नेह मिलता रहा है। वह हमेशा दूसरो की मदत और भलाई का काम करते रहे।

प्रेक्षागृह में मुख्य अतिथि की अनुपस्थित में बतौर मुख्य अतिथि राज्य सभा सदस्य (सांसद) सीमा द्विवेदी ने बताया कि बचपन से परिवार में पंडित चन्द्रेश मिश्रा का नाम सुनती थी विधायक बनने के बाद मिलने का सौभाग्य मिला तो उनके स्नेह और आदर्श का अह्सास हुआ। शादी के बाद हमारे ससुर जी जो इलाहाबाद अमृत प्रभात के सम्पादक थे बराबर बताते थे कि पंडित जी का क्या कद है। पत्रकारिता करते हुए पंडित जी ने नाम अर्जित करने के साथ साथ जन हित के तमाम काम किये सबसे खास बात यह रही की कभी भी कलम की ताकत को कमजोर नहीं होने दिया।

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग के डीन डॉ मनोज कुमार मिश्रा ने अपने सम्बोधन में कहा कि पंडित जी अपने जीवन काल में पत्रकारिता के नये धर्म की स्थापना कर एक नया कीर्तिमान बनाया। यह धर्म समाज के प्रत्येक व्यक्ति को जोड़कर रखना बताया। उन्होंने कहा पंडित जी एक आदर्श पुरुष थे उनके जीवन की कृतियों का अनुसरण करके आज के पत्रकारो को समाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए अपनी लेखनी को चलाना चाहिए।

लोक सेवा आयोग उच्च शिक्षा के सदस्य प्रो आर एन त्रिपाठी ने अपने संबोधन में पंडित जी के आदर्श और बेबाक लेखनी का जिक्र करते हुए कहा कि पंडित जी ऐसे पत्रकार रहे जो खबरो के लिए कभी किसी भी स्थान पर भटके नहीं बल्कि खबरे खुद ब खुद चलकर उनके पास आती रही। कभी किसी भी अधिकारी के यहां उनको कभी नहीं देखा जा सकता रहा। राजनैतिको से लेकर प्रशासन के अधिकारियों के बीच उनकी एक हनक थी इसका कारण कलम की धार और ताकत रही है।

इस अवसर पर जौनपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष कपिल देव मौर्य ने श्रद्धान्जलि सभा के शुभारम्भ में श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि पंडित जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पंडित जी जाति धर्म से अलग एक मानव वादी विचार धारा के साथ समाज के सभी वर्ग के लोंगो को अपने साथ जोड़ने का प्रयास अपने जीवन काल में करते रहे। पत्रकारिता के शिखर पुरुष रहे पंडित जी के साथ उनके जीवन काल के तमाम संस्मरण का जिक्र करते हुए बताया कि वह सामान्य मानव जीवन से काफी उपर के व्यक्तित्व वाले व्यक्ति रहे है।उन्होंने हमेशा सबकी भलाई का काम किया। साथ ही यह भी बताया कि जौनपुर जनपद में पत्रकार हितो के लिए संघर्ष रत रहने वाला जौनपुर प्रेस क्लब की स्थापना में पंडित जी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है जो आज एक वट वृक्ष का स्वरूप लेने लगा है।

वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेन्द्र प्रताप सिंह ने पंडित जी पत्रकारिता को निष्पक्ष और निर्भीक बताते हुए कहा कि आज पंडित जी जैसे लोंगो की जरूरत है ताकि समाज में व्याप्त अव्यवस्थाओ को दूर किया जा सके। उन्होंने आज की पत्रकारिता को सवालो के कटघरे में खड़ा किया और कहा कि पत्रकार समाज पंडित जी के आदर्श और कलम कारी से सीख लेते हुए समाज कै लिए अपना योगदान दे।

श्रद्धान्जलि सभा के वक्ताओ उपरोक्त के अलांवा समाज सेवी बशिष्ट नरायन सिंह, दीवानी बार के अध्यक्ष जितेन्द्र उपाध्याय, देवेश उपाध्याय, जयेन्द्र दुबे,प्रभाकर त्रिपाठी, राम कृष्ण त्रिपाठी, पूर्व प्रमुख सुरेन्द्र प्रताप सिंह, संतोष कुमार श्रीवास्तव एडवोकेट, फूलचन्द भारती, आदि ने अपने विचारो को व्यक्त करते हुए पंडित जी को अपना श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से पत्रकार लोलारक दुबे, राम दयाल द्विवेदी,राज कुमार सिंह, डा राकेश दुबे, संजय उपाध्याय सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में पंडित जी के साथ राज कालेज में शिक्षक रहे एवं पत्रकार साथी हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव और श्याम लाल यादव को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डाॅ पीसी विश्वकर्मा ने अपने कविता के जरिए पंडित जी के जीवन वृत्त को बताया और सभी आगत जनों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन साहित्य कार सभाजीत द्विवेदी प्रखर ने किया। सभी आगत जनों का अभिवादन पंडित जी के पुत्र द्वय अशोक कुमार मिश्रा एवं आलोक कुमार मिश्रा ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

नमस्कार,नैमिष टुडे न्यूज़पेपर में आपका स्वागत है,यहाँ आपको हमेसा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे 9415969423 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें
%d bloggers like this: