
पुलिस के संरक्षण में चल रहे अवैध डग्गामार वाहनों से चार लाख चालीस हजार की प्रति मांह होती है अवैध वसूली
कुलदीप मिश्रा
मिश्रित/ सीतापुर एक तरफ प्रदेश सरकार जहां मार्गों पर संचालित अवैध डग्गामार वाहनों पर अंकुश लगाने के लिए निरंतर प्रयासरत है । वहीं विभागीय उच्चाधिकारियों के निर्देशों को धता बताकर मछरेहटा थाना अध्यक्ष की दूषित नीतियों के संरक्षण में मछरेहटा कस्बे के चारों तरफ जाने वाले मार्गों पर लग भग 3 सैकड़ा डग्गामार वाहन धड़ल्ले से फर्राटे भर रहे है । जिन पर शासन प्रशासन के निर्देशों का कोई असर होता दिखाई नहीं दे रहा है । ज्ञातव्य हो कि मछरेहटा कस्बे से क्रमशः थाने के सामने होकर गुजरने वाले मछरेहटा जलालपुर मार्ग सहित मछरेहटा खैराबाद मार्ग , मछरेहटा कल्ली चौराहा नैमिषारण्य मार्ग तथा मछरेहटा मिश्रित राजकीय मार्ग पर अवैध विक्रम टैंपो , ई रिक्शा धड़ल्ले से पुलिस के संरक्षण में अधिक सवारियां भरकर जहां यात्री अधिकारों का खुले आम हनन कर रहे है । वहीं रोड टैक्स की चोरी करके राजकीय राजस्व को क्षति पहुंचाई जा रही है । सिर्फ लाभ हो रहा है तो इनको संरक्षण देने वाले थाना अध्यक्ष का । इतना ही नहीं इन मार्गों पर धड़ल्ले से फर्राटे भरने वाले वाहनों में अधिकांश ऐसे हैं । जिनके रोड पर चलने की निर्धारित तिथि समयावधि समाप्त हो चुकी है । विभाग के नजरों में जहां कंडम वाहन पुलिस संरक्षण में मार्गों पर खुले आम संचालित हो रहे हैं । इन अवैध वाहनों के अधिकांश चालकों के पास ड्राइविंग करने का वैध लाइसेंस तक नहीं है । वाहन फिटनेस का कागजात होना तो बहुत दूर की बात है । कभी-कभार ए आरटीओ चेकिंग लगती है । तो पुलिस कर्मी प्राप्त सूचनाओं के आधार पर पहले से इन वाहन चालकों को रोड पर आने से चेकिंग वाले दिन मना कर देते है । एआरटीओ के जाने के बाद मार्गो पर पुनः फर्राटे भरने लगते है । यह डग्गामार वाहन । सूत्र बताते हैं कि मार्गों पर चलने वाले इन वाहनों से सप्ताहिक रूप से 300 से 500 रुपए तक की पुलिस द्वारा अवैध उगाही की जाती है । इसके साथ ही सप्ताह में पुलिस फोर्स और होमगार्डों को रोड गस्त में ले जाने और मुल्जिम पकड़ने के कार्य हेतु पुलिस फोर्स और होमगार्डों को ले जाने लाने की बेगारी भी कराई जाती है । जिसमें खर्च होने वाला डीजल तक इन वाहन चालकों और मालिकों को अपनी जेब से ही वहन करना पड़ता है । तब जाकर कहीं मिलती है इनको रोड पर सवारियां ढोने की छूट । गौरतलब हो कि मछरेहटा कस्बे से चारों तरफ विभिन्न स्थानों को जाने वाले मार्गों पर फर्राटे भर रहे लग भग 300 वाहनों में से लग भग दो सौ ई रिक्शाओं से 300 रुपए प्रति सप्ताह वसूली के हिसाब से 60 हजार रुपए की अवैध उगाही पुलिस द्वारा की जाती है । जब कि 100 विक्रम टैम्पो का प्रति सप्ताह 50 हजार रुपए की अवैध वसूली बनती बनती है । इस तरह प्रति सप्ताह एक लाख दस हजार रुपए यात्री अधिकारों का हनन करने वाले वाहनों को चलवा कर पुलिस सूखे तौर पर हजम कर रही है । इस तरह मांह में यह रकम 4 लाख 40 हजार बनती है । जिसको पुलिस हर्र लगे ना फिटकरी रंग भी चोखा होय । वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए प्रति मांह थाना पुलिस मछरेहटा द्वारा खुले आम हजम किया जा रहा है । जिसकी तरफ सूबे के पुलिस मुखिया सहित जनपद के पुलिस अधीक्षक को जांच कराकर कड़ी कार्यवाही करने की आवश्यकता है । तभी शासकीय नियम निर्देशों का हो पाएगा अनुपालन और अवैध डग्गामार वाहनों के संचालन पर लग सकेगा अंकुश ?