सरकारी रूप से कब्जा हटाए जाने को लेकर प्रधान ने उप जिलाधिकारी से की लिखित शिकायत
दिनभर हुई पैमाइश से नहीं निकला कोई विकल्प
कोथावां/हरदोई_ योगी सरकार जहां एक ओर भू-माफियाओं के घरों पर बुलडोजर चला कर जनता को यह साफ संदेश देने में लगी है कि गलत लोगों को न तो सरकार आसरा देगी और ना ही किसी प्रकार का संरक्षण।इसके उलट संडीला तहसील के गांव शिवपुरी निवासी कुछ लोग सरकारी भूमि पर कब्जा कर शासन और प्रशासन की मंशा पर ही पानी फेरते नजर आ रहे हैं।पूरा मामला तहसील संडीला के विकासखंड कोथावां अंतर्गत ग्राम पंचायत शिवपुरी का है जहां वर्तमान प्रधान अतुल सिंह ने भरसक मेहनत कर नन्हें मुन्ने बच्चों के हित में पंचायत स्तर से खेल कूद मैदान के निर्माण की तैयारी की पर शिवपुरी निवासी बलवीर सिंह व उनके पुत्र अंकित सिंह एवं दिग्विजय सिंह के द्वारा निर्माण कार्य रुकवा दिया गया साथ ही प्रधान अतुल सिंह के अनुसार उन लोगों ने इन्हें जान से मार देने की धमकी दी।मामले से अजित प्रधान ने दिनांक 29/08/22 को उप जिलाधिकारी संडीला को दिए शिकायती पत्र के माध्यम से बताया कि प्रार्थी खेलकूद का मैदान बनवा रहा है किंतु गांव के दबंग व्यक्ति बलबीर सिंह पुत्र राजबहादुर सिंह एवं उनके भाई आदि ने वकील होने के कारण गाटा संख्या 487,499 की कुछ भूमि वा 488, 646, वा 412 आदि पर बीते 30 वर्षों से अवैध कब्जा कर रखे हैं कब्जे हटाए जाने संबंधी पूर्व में प्रार्थना पत्र दिए जाने पर भी क्षेत्रीय लेखपाल को वकील होने की धमकी देकर उपरोक्त लोग भूमि की पेमाइश ना होने एवं क्रीडा स्थल बनने में रुकावट डाल रहे हैं।जिस पर संज्ञान लेते हुए उप जिलाधिकारी संडीला ने क्षेत्रीय लेखपाल कानूनगो को नियम अनुसार भूमि की पैमाइश करने के आदेश दिए थे।आज दिनांक 01/09/2022 को क्षेत्रीय लेखपाल पुष्पेंद्र बहादुर कानूनगो अरबिंद कुमार मिश्र द्वारा पुलिस की अनुपस्थिति में खेलकूद मैदान के रकबे को बनाए रखते हुए पेमाईश प्रारंभ की गई।पर उपरोक्त दबंग व्यक्तियों द्वारा मामले में नुक्ताचीनी करते हुए सही पेमाइश नहीं होने दी गई।ऊहा पोह के बीच मामला बढ़ता देख क्षेत्रीय लेखपाल कानूनगो द्वारा भूमि पैमाइश कार्य को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है जिस पर प्रधान अतुल सिंह के द्वारा कहा गया है कि अब पुलिस की मौजूदगी में उक्त भूमि की पैमाइश कराई जाएगी।सरकार की मंशा के अनुरूप ही खेलकूद मैदान को बनवाया जाएगा।देर शाम समाचार लिखे जाने तक खेल कूद मैदान की भूमि पैमाइश का मामला जस का तस बना हुआ था।