तहसील में बना कैप्टन मनोज पांडेय पार्क उपेक्षा का सिकार
मिश्रित सीतापुर / प्यासी जमीं थी लहू अपना पिला दिया । वतन का कर्ज था मुझ पर वह सारा चुका दिया । यह वाक्य यहां पर बिल्कुल सटीक बैठते हैं । क्योंकि काश्मीर की वादियों में टाइगर हिल पर पाकिस्तानी सेना को कड़ी चुनौती देकर भारत मां के लाल ने अकेले ही पाकिस्तानी चार चौकियों पर तिरंगा फहराकर भारतीय सेना में एक कीर्तिमान स्थापित किया था । इस युद्ध के दौरान वह देश हित में शहीद हो गया था । उसके सहादत की यादगार में भारत सरकार ने उसे परमवीर चक्र से सम्मानित कर भारतीय सेना का मान बढ़ाया था । वह कोई और नहीं सच्चा देश भक्त भारत मां का लाल सीतापुर जनपद का रहने वाला अमर शहीद कैप्टन मनोज पाण्डेय था । ऐसे बीर सपूत भारत मां के लाल की शहादत को सदियों तक यादगार बनाने हेतु तहसील मिश्रित के परिसर में उपजिलाधिकारी कार्यालय के ठीक सामने कैप्टन मनोज पाण्डेय अमर शहीद पार्क का निर्माण कराया गया था । परन्तु वर्तमान समय तहसील में तैनात अधिकारियों की उपेक्षा का सिकार होकर रह गया है । यह पवित्र अमर शहीद पार्क तहसील के अधिवक्ताओं और बादकारियों हेतु मात्र वाहन स्थल बनकर रह गया है । यहां तक कि समूचे तहसील परिषर में कोई मूत्रालय आदि न होने के कारण वादकारी इस पवित्र अमर शहीद पार्क में लघुशंका भी करते देखे जाते हैं । जब कि इस पार्क में साफ-सफाई और पेड़-पौधों के रख रखाव हेतु एक महिला माली की तैनाती बताई जाती है । लेकिन वह पार्क की देख रेख न करके तहसील में तैनात नायब नाजिर आदि बाबुओं की हलम दलाली मे लगी रहती है । ज्ञातब्य हो कि तहसील प्रशासन की घोर उदासीनता के चलते इस अमर शहीद पार्क का गेट हर समय खुला पड़ा रहता है । पार्क के अंदर लगे फूल बूटे पूरी तरह सूख कर नष्ट हो गये हैं । पार्क में गंदगी ब्याप्त है । साफ सफाई नहीं हो रही है । जिससे यहां के स्थानीय लोगो सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश व्याप्त है ।