ग्राम जसरथपुर के तालाब और सरकारी भूमि से अवैध कब्जा नही हटा सका तहसील प्रशासन
श्रवण कुमार मिश्र
सीतापुर / तहसील प्रशासन की नाक के नीचे स्थित ग्राम पंचायत जसरथपुर में सरकारी भूमि और तालाब भू माफियाओं के शिकंजे में जकड़े हुए है । ग्रामीणों द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों से इनको खाली कराने की लगाई गुहार भी नक्कारखाने में तूती की तरह गायब हो गई है । प्रदेश शासन के बुलडोजर का रुख भी यहां के अवैध कब्जों को नहीं हटा पाया है । जिससे बाबा के बुलडोजर की कार्य प्रणाली पर भी लोगो में सवाल उठने लगे है । तहसील कार्यालय से चंद कदमों की दूरी पर सीतापुर हरदोई मार्ग के किनारे स्थित ग्राम जसरथपुर जो ग्राम पंचायत का मुख्य गांव है । इस गांव में रोड के पश्चिम सटा हुआ भूतेश्वर महादेव आश्रम और प्राचीन तालाब है । इसी तालाब के पश्चिमी सिरे की अधिकांश भूमि को पाटकर गांव के कुछ दबंग भू माफियाओं ने अवैध रूप से अपनी इमारतों का निर्माण करा लिया है । इतना ही नहीं इसी तालाब के दक्षिणी सिरे पर ग्राम सभा की काफी भूमि खाली पड़ी हुई थी । जिस पर बीते समय बड़े हनुमान मंदिर के ब्रह्मलीन पुजारी बाबा पल्टूदास जलविहार का मेला कराते थे । लेकिन उनके स्वर्गवासी होने के उपरांत कार्यभार संभालने वाले बाबा रामरतन दास रसिक ने बीते 4 वर्ष पूर्व दो बार ही जलविहार मेला करा पाए । लेकिन गांव के दबंगों ने ग्राम समांज की भूमि को पूरी तरह अपने कब्जे में जकड़ लिया है । जिससे बीते चार वर्षों से मेला बंद चल रहा है ।