ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे का वीडियो हुआ लीक, क्या केस पर भी पड़ सकता है इसका असर

सोमवार शाम को ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे और उसकी वीडियोग्राफ़ी का फुटेज़ लीक हो गया. ये वीडियो वायरल हो गया और इसे कई सारे न्यूज़ चैनलों ने दिखाया.कुछ टीवी चैनलों ने एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह की रिपोर्ट के आधार पर चीज़ों को वीडियो में दर्शाने की कोशिश भी कीज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे, उसकी वीडियोग्राफ़ी और उससे जुड़े तमाम वीडियो अदालत की कार्यवाही के गोपनीय साक्ष्य हैं जो अब बनारस की ज़िला अदालत को एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने सुपुर्द कर दिए हैं.दरअसल सोमवार शाम को फुटेज़ लीक होने के चंद मिनटों पहले ही इस मामले में महिला याचिकाकर्ताओं और अंजुमन इन्तेज़ामियां मसाजिद ने सर्वे की वीडियो की कॉपी मांगते हए अदालत में शपथपत्र दिया था कि वह यह वीडियो इसलिए मांग रहे हैं ताकि वो इस मुक़दमे में आवश्यकता पड़ने पर अपने वकील को दिखाकर आपत्ति दाख़िल करेंगे.इस शपथपत्र में सभी ने लिखा कि वे इस बात की अंडरटेकिंग दे रहे हैं कि सर्वे के वीडियो की नकल का कहीं दुरुपयोग नहीं करेंगे. इस शर्त पर दोनों वादी और प्रतिवादी पक्ष को वीडियो की नक़ल देने का आदेश हुआ.महिला याचिकाकर्ता लौटाना चाहती हैं फुटेज़जैसे ही वीडियो लीक हुआ तो उसके चंद घंटों बाद हिन्दू पक्षकारों ने इसे कोर्ट को लौटाने की बात की.वीडियो और साक्ष्यों के सील्ड पैकेट को लौटाने की बात करते हुए वकील सुधीर त्रिपाठी ने मीडिया को बताया, “इस पैकेट में सर्वे कमीशन की कार्यवाही की वीडियोग्राफ़ी का चिप या सीडी है. यह हमें न्यायालय द्वारा शुल्क देकर मिला है. लेकिन कोर्ट ने अंडरटेकिंग देकर दिया था कि यह किसी को सार्वजनिक नहीं करेंगे. सिर्फ़ अपने लिए इस्तेमाल करेंगे. शाम 6:30 बजे वो कोर्ट के कैंपस से लेकर बाहर भी नहीं निकल पाईं और यह मीडिया में चलना शुरू हो गया. अभी यह लिफ़ाफ़ा खुला ही नहीं. तो याचिकाकर्ताओं पर आरोप लग सकता है कि आपने कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है, इसलिए न्यायालय के संज्ञान के लिए हम इसको वापस कर रहे हैं, इस मांग के साथ की जिसने लीक किया है उसे दंडित किया जाए.”लिफ़ाफ़े दिखाते हुए वकील सुधीर त्रिपाठी ने कहा की वो सील्ड है और पूरी तरह से पैक है और खुले ही नहीं हैं.इस बारे में और जानकारी के लिए बीबीसी ने हिन्दू पक्ष के प्रमुख वकील विष्णु जैन और सुधीर त्रिपाठी से भी बात करने की कोशिश की लेकिन दोनों से ही फ़ोन पर संपर्क नहीं हो सका. विष्णु जैन की सहयोगी वकील रंजना अग्निहोत्री ने मस्जिद के सर्वे के वीडियो के लीक होने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.वो कहती हैं, “कोर्ट के आदेश का पालन होना चाहिए. लेकिन यह कौन षड्यंत्रकारी है जिसने यह हरकत की है, उसका भी पर्दाफ़ाश होने चाहिए. हम तो इसे कोर्ट को दे देंगे, और कोर्ट जो चाहे वो करे. यह तो कोर्ट की संपत्ति थी. कोर्ट के लम्बे हाथ हैं. कोर्ट जो भी चाहे करे.”लेकिन क्या इससे अदालत की कार्यवाही पर असर पड़ेगा?रंजना अग्निहोत्री का मानना है, “हमारे हिसाब से कोर्ट की कार्यवाही पर इसका कोई असर नहीं पड़ना चाहिए. लेकिन जो अपराधी हैं जो षडयंत्रकारी हैं, उनका पता लगाना ज़रूरी है.”वीडियो लीक पर मस्जिद समिति के वकीलों की रायज्ञानवापी मस्जिद समिति अंजुमन इंतेज़ामिया मसाजिद ने भी वीडियो की नक़ल मांगी थी और साथ ही शपथपत्र भी दिया. लेकिन उनके वकीलों ने सोमवार की शाम सर्वे वीडियो की नक़ल नहीं ली क्योंकि उनके मुताबिक़ वो अदालती कामकाज में व्यस्त थे.इस वीडियो के लीक के बारे में सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद समिति के वकील फ़ुजैल अयूबी का कहना है, “सुप्रीम कोर्ट से साफ़ निर्देश थे कि इस मामले पर कोई सनसनी नहीं होगी और मीडिया को कुछ लीक नहीं किया जाएगा और हमें इससे बचना है. जब एक बात सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ कही है तो वो सभी पक्षों को देखना चाहिए था.”फुटेज़ की नक़ल मांगने पर फ़ुजैल अयूबी सवाल उठाते हैं, “जब आपके सामने वीडियोग्राफ़ी हुई है तो फिर आपको उसकी नक़ल की क्या ज़रुरत है? ऑब्जेक्शन के लिए लेना है वो ठीक है. लेकिन उसका नतीजा यह हुआ कि वो लीक हो गया.”सवाल यह है कि एक हाई प्रोफ़ाइल मामले में, जिसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट तक कर चुका है उसमें क्या इस कदर रिपोर्ट और वीडियो लीक होते पहले कभी देखा गया है?

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