
भगवान शिव को कालों का काल भी कहा जाता है। भगवान शिव जितने रहस्मयी है। उनका वेश-भूषा भी काफी विचित्र है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव श्मशान में निवासरते हैं क और भांग व धतूरा का सेवन करते हैं।आज हम आपको बताएंगे क्यों है। भगवान शिव के मस्तक पर चंद्रमा आखिर क्यो हैं भगवान शिव की तीन आंखें शिव अपने शरीर पर भस्म क्यों लगाते हैं। आज हम आप को इन सभी बातें से रूबरू कराएंगे।सभी धर्म ग्रंथों के मुताबिक बताया जाता है कि सभी देवताओं की दो आंखें हैं, लेकिन शिव ही ऐसे एकमात्र देवता हैं जिनके पास तीन आंखें हैं। जिसके कारण इन्हें त्रिनेत्रधारी भी कहते हैं।जैसा की हमारे जीवन में कई बार ऐसे संकट भी आ जाते हैं, जिन्हें हम समझ नहीं पाते। जिसमें विवेक और धैर्य ही एक सच्चे मार्गदर्शक के रूप में हमें सही-गलत की पहचान कराता है। विवेक हमारे अंदर ही रहता है। भगवान शिव का तीसरा नेत्र आज्ञा चक्र का स्थान है। यह आज्ञा चक्र ही विवेक बुद्धि का स्रोत है। यही हमें विपरीत परिस्थिति में सही निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है। लोग हमेशा कहते है कि विवेक से काम लो क्योंकि विवेक से किया गया कार्य कभी गलत नही हो सकता।हमारे धर्म शास्त्रों में सभी देवी-देवताओं को वस्त्र-आभूषणों से सुसज्जित बताया गया है वहीं भगवान शंकर को सिर्फ मृग चर्म लपेटे और भस्म लगाए बताया गया है। भस्म शिव का प्रमुख वस्त्र होता है। क्योंकि शिव का पूरा शरीर ही भस्म से ढंका रहता है। शिव का भस्म रम ने के पीछे कुछ वैज्ञानिक तथा आध्यात्मिक कारण भी हैं।