दबंगों ने जलाई फसल, न्याय ना मिलने पर किसान ने की आत्महत्या

उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां दंबगों ने किसान किशनपाल की गेहूं की फसल को आग के हवाले कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने थाने से लेकर यूपी के डीजीपी तक से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई. कहीं सुनवाई नहीं होने से वे इतने आहत हुए कि उन्होंने खुद को आग लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली.

 

दरअसल बदायूं के सिविल लाइन्स थाना क्षेत्र निवासी किसान किशनलाल की 23 अप्रैल को गांव के दबंगों ने गेहूं की फसल जला दी थी. इतना ही नही 24 अप्रैल को दबंगों ने घर मे घुसकर घर के लोगों के साथ मारपीट भी की. जब किशनपाल ने मामले की शिकायत सिविल लाइंस थाने में की तो पुलिस ने उन्हें थाने से भगा दिया. जिसके बाद किशनपाल ने बरेली आकर आईजी और एडीजी से शिकायत की लेकिन फिर भी कोई सुनवाई नही हुई.

 

इलाज के दौरान हुई मौत

किशनपाल ने डीजीपी से भी मामले की शिकायत की लेकिन पुलिस ने महज मारपीट के मामले में मुकदमा दर्ज किया और दबंगो की तरफ से भी किसान किशनपाल के खिलाफ क्रॉस एफआईआर दर्ज कर ली गई. परेशान होकर किसान किशनपाल ने 18 मई को बदायूं में एसएसपी ऑफिस में जाकर पेट्रोल डालकर आग लगा ली. गंभीर हालत में उसे बरेली के निजी मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया और गुरुवार सुबह किशनपाल की मौत हो गई.

 

इंसाफ नहीं मिलने पर किया आत्मदाह

किशनपाल का बरेली में पोस्टमार्टम करवाया गया है. किशनपाल के बेटे अमरजीत का आरोप है इंसाफ नही मिलने पर उसके पिता ने आत्मदाह किया है. उनकी कहीं भी सुनवाई नही हुई. अमरजीत का कहना है कि कल भी वो बदायूं के एसएसपी ऑफिस पहुचा था लेकिन उसे वहां से धुत्कार कर भगा दिया गया. वहीं बदायू से समाजवादी पार्टी के विधायक हिमांशू यादव पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे. उन्होंने कहा कि पुलिस-प्रशासन किसी की सुनवाई नही कर रहा है. किशनपाल के साथ बहुत गलत हुआ है. उनका कहना है कि वो ये मुद्दा विधानसभा में उठाएंगे.

 

हुआ एसआईटी का गठन

वहीं इस मामले में आईजी रमित शर्मा का कहना है कि बदायूं में 18 मई को पुलिस ऑफिस परिसर के गेट पर आत्मदाह का प्रयास किया गया है. उक्त मामले में पुलिस महानिरीक्षक बरेली परिक्षेत्र द्वारा एसआईटी का गठन किया गया है, जिसमें एसपी सिटी बरेली रविन्द्र कुमार के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. इस प्रकरण में पूर्व में दर्ज मुकदमों की विवेचना एसआईटी द्वारा की जाएगी.

 

न्याय का दिया आश्वासन

प्रकरण में प्रभारी निरीक्षक, दो उप निरीक्षक व दो आरक्षी समेत कुल पांच पुलिसकर्मियो को निलंबित कर दिया गया है. एसआईटी इनके अलावा अगर अन्य पुलिसकर्मियों की गलती पाई जाती हैं तो उसके संबंध में दोष निर्धारण भी करेगी. पीड़ित के परिवार से आईजी रमित शर्मा और एसएसपी बरेली रोहित सिंह सजवाण ने न्याय दिलाने का आश्वासन दिया गया.

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