चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से

नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान
चतुरी चाचा ने प्रपंच का आगाज करते हुए कहा- योगी महाराज अपन राजकाज नीके चलाय रहे। परदेस क्यारु विकास होय रहा। जनता का लोक कल्याणकारी योजनन क्यार लाभु मिलि रहा। अपराध अउ भ्र्ष्टाचार पय लगाम लाग हय। गौ वंश का बूचड़खाना जाय ते रोकिन हय। मुख्यमंत्री बड़े नीक-नीक कामु किहिन हय। मुदा, छुट्टा जानवरन ते किसान परेशान हय। यहिका कौनव इलाज नाय होय पाय रहा। विधानसभा चुनाव क बखत प्रधानमंत्री मोदी अउ मुख्यमंत्री योगी छुट्टा पशुअन ख़ातिन कौनिव योजना बनावे क बाति कहिन रहय। जनता याक दायँ फिरि सत्ता भाजपा केरे हवाले कय दिहिस। अब तौ योगी महाराज का छुट्टा जानवरन ते मुक्ति देवावै क चही। पूरे परदेस का किसान छुट्टा पशुअन ते हायल-कायल हय। खेती-किसानी क बड़ा नुकसान होय रहा। छुट्टा साँड़ साक्षात यमराज बनिके गली-गली घुमत हयँ। साड़ न जाने कतने जने क मारि चुके हयँ। सरकार का यही पय गम्भीर होय क परी।
चतुरी चाचा अपने प्रपंच चबूतरे पर चिंतन मुद्रा में बैठे थे। आज वह छुट्टा जानवरों के उत्पात से थोड़ा नाराज भी थे। क्योंकि, बीती रात चतुरी चाचा का चार बीघा खरबूजा छुट्टा जानवरों के एक झुंड ने बर्बाद कर दिया था। एक साँड़ ने उनके नौकर पुरई को भी उठाकर पटक दिया था। पुरई बुरी तरह से घायल हो गए थे। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस बात से ककुवा, कासिम चचा, मुंशीजी व बड़के दद्दा भी दुःखी थे। आज सुबह ही कड़ी धूप खिल गई थी। गांव के बच्चे भीषण गर्मी के बावजूद सियर-सटकना खेलने में मस्त थे। मेरे चबूतरे पर पहुंचते ही चतुरी चाचा ने छुट्टा जानवरों को लेकर बतकही शुरू कर दी। चाचा का कहना था कि यूपी में भाजपा सरकार सबकुछ बहुत अच्छा कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यों से जनता खुश है। लेकिन, प्रदेश भर में छुट्टा जानवरों ने आतंक मचा रखा है। खेती-बाड़ी में बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है। किसान बेचारा हैरान-परेशान है। साथ ही, छुट्टा साँड़ लोगों को जगह-जगह घायल कर रहे हैं। बीते पांच वर्षों में साँड़ हजारों लोगों को मौत की नींद सुला चुके हैं। इस मुद्दे पर योगी सरकार को जनहित में कोई ठोस योजना बनानी चाहिए।
ककुवा ने चतुरी चाचा की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा- किसान अउ आम जनन का छुट्टा जानवरन ते मुक्ति मिलब बहुतै जरूरी हय। काहे ते खेती क्यार बड़ा नुकसान होय रहा। इ छुट्टा जानवर खेतन म फसल चरत हयँ। फिरि सड़कन पय उत्पात मचावत हयँ। सबसे जादा दिक्कत मरकहे साँड़न ते हय। इन ते पैदरहा, कार अउ फिटफिटी वाले सब परेशान रहत हयँ। कब किहका दौरय लेयँ, कुछु पता नाइ? साँड़ कोऊ क घायल करत हयँ। कोऊ का मारिन डारत हयँ। सरकार छुट्टा गाय पालय प 900 रुपया महीना देत हय। इ योजना त कौनव खास लाभ द्याखय नाय परत। देसी गाय कोऊ पाला नाइ चाहत। जगह-जगह गौशाला बनी हयँ। गौशालन क सरकार ते मोटी रकम मिलत हय। मुला, गौशाला म गाय कौनि दसम हयँ। यह बाति सभे जनतय हौ। कहय मतलब युहु हय कि योगी सरकार का कौनिव दूसर योजना बनावे का परी। तबहें छुट्टा जानवर ते मुक्ति मिलि पाई।
इसी बीच चंदू बिटिया हम परपंचियों के लिए जलपान लेकर आ गई। आज जलपान में राब का ठंडा शर्बत था। सबने दो-दो गिलास राब का शर्बत पीकर ठंडी सांस ली। ककुवा ने लगे हाथ पूछा- चतुरी भाई, राब कहाँ पाय गेव? चाचा ने बताया- लखीमपुर वाले समधी उई दिन आये रहयँ। समधी 20 किलो राब अपने सँग लाये रहयँ। इ गरमी म राब का शरबत तन-मन ठंडा करत हय। जलपान के बाद पंचायत फिर शुरू हुई।
मुंशीजी ने बताया- मैं अक्षय तृतीया के दिन ठाकुरद्वारा गया था। वहां श्रीकृष्ण के भंडारे में कई गांवों से भक्तजन आये थे। मन्दिर परिसर में कुछ किसान छुट्टा जानवरों को लेकर चर्चा कर रहे थे। मैं भी उस चर्चा में शामिल हो गया था। हर शख्स छुट्टा पशुओं विशेषकर सांडों से परेशान नजर आया। वहां बरगदी मगठ के किसान भागीरथ पाल ने कहा- सरकार जनता को मुफ्त राशन देना बंद कर दे। इसके एवज में आवारा पशुओं से मुक्ति दिला दे। क्योंकि, आवारा पशु खेती में कुन्तलों के हिसाब से अनाज का नुकसान करते हैं। जबकि किसान को राशन कार्ड पर 10-20 किग्रा ही मुफ्त अनाज मिलता है। सरकार जो करोड़ो रुपये मुफ्त राशन वितरण पर खर्च कर रही है। वही रकम छुट्टा जानवरों से मुक्ति दिलाने पर खर्च कर सकती है। ऐसे में सरकार को अलग से फंड की व्यवस्था नहीं करनी पड़ेगी। साथ ही, किसानों को कुछ किलो मुफ्त अनाज के बजाय उसके खेत से कई कुंतल अनाज या फल-सब्जी मिलने लगेगा। वहीं बैठे रुदही के विदेशपाल प्रधान ने कहा- सरकार को चाहिए कि प्रदेश के बड़े-बड़े जंगलों/वनों को चिन्हित करवाकर उसे पशु-सफारी घोषित करे। फिर उस सफारी में विभिन्न जिलों से आवारा पशुओं को भेजने की व्यवस्था करे। पीलीभीत से लेकर सोनौली तक नेपाल बॉर्डर पर घना जंगल है। उस पट्टी में खूब हरा चारा है। उस इलाके में पर्याप्त पानी भी मिलता है। इस पूरे क्षेत्र का पशु-सफारी के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।
इसी मुद्दे पर बोलते हुए कासिम चचा ने कहा- सरकार जिस दिन चाह लेगी, उस दिन इन छुट्टा जानवरों से मुक्ति मिल जाएगी। योगी सरकार केवल दो काम कर दे, तो आवारा पशुओं की समस्या ख़त्म हो जाएगी। एक- प्रदेश में सुविधा सम्पन्न समुचित गौशाला हों। इन गौशालाओं की दो श्रेणियां हों। गायों और सांडों को अलग-अलग रखने की व्यवस्था हो। इसके साथ ही, सरकार बीमार, बेकार, अक्षम एवं बुजुर्ग गौ वंश को बूचड़खाना जाने दे। दूसरा- सरकार यूपी के जरूरतमंद किसानों को खेतों में कंटीले तार लगाने के लिए अनुदान वाला ब्याज रहित कर्ज दे। सभी बैंकें किसानों को बिना कोई गारंटी लिए तत्काल ऋण दें। यदि सरकार ये दो कार्य तत्परता से कर ले, तो किसानों सहित आम जनता को आवारा पशुओं से कोई नुकसान नहीं होगा। तब सरकार को राहत मिलेगी। आसन्न लोकसभा चुनाव में छुट्टा जानवरों से जुड़ा मुद्दा भी नहीं उठेगा। इससे भाजपा बड़े सुकून में रहेगी।
बड़के दद्दा बोले- योगी सरकार प्रधानमंत्री मोदी के संरक्षण में आवारा पशुओं के लिए काफी काम कर चुकी है। भाजपा सरकार छुट्टा जानवरों को लेकर बहुत चिंतित है। सरकार लोगों को आवारा पशुओं से मुक्ति दिलाने के लिए गम्भीरता से सोच रही है। हम सबको थोड़ा सब्र रखना चाहिए। बाकी सबकुछ सरकार पर छोड़ देना बुद्धिमानी नहीं है। आवारा पशुओं के मामले में हम लोग सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं। यह बात बहुत गलत है। हमको यह भी सोचना चाहिए कि ये जो गाय और बछड़े मारे-मारे घूम रहे हैं, वो किसकी देन है? क्या योगी या मोदी सरकार के हैं ये आवारा पशु? इनको किसने छोड़ा है? इस पर भी विचार करना चाहिए। प्रदेश भर में घूम रहे छुट्टा जानवर किसानों और पशु पालकों के हैं। हम सबने इन्हें घर से भगाया है। हम लोग गौ सेवा से पीछे हटे हैं। हम अपने घर पर गाय पालने के बजाय बाजार से मिलावटी दूध, दही, पनीर, छाछ एवं खोआ इत्यादि खरीद रहे हैं। छुट्टा जानवर हम सबकी ही देन हैं। हम लोगों को भी इस पर विचार करना चाहिए। इस दिशा में कुछ करना चाहिए। तभी इस समस्या से निजात मिल सकेगी।
मैंने परपंचियों को कोरोना अपडेट देते हुए बताया कि विश्व में अबतक 51 करोड़ 64 लाख से अधिक लोग कोरोना की जद में आ चुके हैं। इनमें 62 लाख 74 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसी तरह भारत में चार करोड़ 31 लाख से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। देश में अबतक पांच लाख 24 हजार से अधिक लोग बेमौत मारे जा चुके हैं। देश में अबतक कोरोना वैक्सीन की 190 करोड़ से अधिक डोज लगाई जा चुकी हैं। देश के 86 करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी है। इस समय छह से 12 वर्ष की आयु वाले बच्चों को भी वैक्सीन दी जा रही है। बूस्टर डोज निजी अस्पतालों में लग रही है। भारत के टीकाकरण अभियान की सफलता से हर कोई खुश है। बहरहाल, हमें मास्क और दो गज की दूरी का पालन करते रहना चाहिए। तभी हम सब कोरोना महामारी से सुरक्षित रहेंगे।
अंत में चतुरी चाचा ने पिछले दो महीने से चल रहे रूस-यूक्रेन महायुद्ध और प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्रा पर चर्चा की। इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही के साथ फिर हाजिर रहूँगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

नमस्कार,नैमिष टुडे न्यूज़पेपर में आपका स्वागत है,यहाँ आपको हमेसा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे 9415969423 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें
%d bloggers like this: