बिहार का राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ऐसा लगता है कि अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ आरपार के मूड में हैं. शुक्रवार को नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच में जबरदस्त जुबानी जंग देखने को मिली, जिससे ऐसा संकेत मिल रहा है कि प्रशांत किशोर नीतीश कुमार से आरपार के मूड में हैं.
दरअसल, ये पूरा मसला गुरुवार को तब शुरू हुआ, जब प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि उनके 15 साल के शासनकाल के बावजूद बिहार सबसे गरीब प्रदेश है और यहां पर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर बिल्कुल नष्ट हो चुके हैं.
नीतीश ने कहा- सिर्फ सत्य को महत्व देता हूं
प्रशांत किशोर के इन्हीं आरोपों का जवाब देते हुए शुक्रवार को नीतीश कुमार ने पलटवार किया और कहा कि कौन उनके बारे में क्या कहता है, इसको वह महत्व नहीं देते हैं. नीतीश ने कहा कि वह महत्व सिर्फ सत्य को देते हैं और सच्चाई क्या है या बिहार की जनता जानती है कि 15 सालों में कितना काम हुआ है.
प्रशांत बोले- 30 साल के राज में बिहार गरीब और पिछड़ा
नीतीश कुमार के इस जवाबी हमले के बाद ऐसा लगा कि प्रशांत किशोर के तेवर ढीले पड़ेंगे, मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. नीतीश के पलटवार के बाद एक बार फिर से प्रशांत किशोर ने उन पर हमला किया और तंज कसा. प्रशांत किशोर ने ट्वीट करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने ठीक कहा कि महत्व केवल सत्य का है और सत्य यह है कि पिछले 30 साल के लालू और नीतीश के राज के बावजूद बिहार देश का सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य है.
नीतीश-प्रशांत के बीच व्यक्तिगत रिश्ते बेहतर
अपने ट्वीट में प्रशांत किशोर ने आगे लिखा कि बिहार को बदलने के लिए एक नई सोच और प्रयास की जरूरत है और यह सिर्फ बिहार के लोगों के सामूहिक प्रयास से ही संभव है. गौरतलब है कि प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार ने कई मौकों पर इस बात को कबूल किया है कि दोनों के व्यक्तिगत रिश्ते बहुत अच्छे हैं.
नीतीश को पिता तुल्य बता चुके प्रशांत
प्रशांत किशोर ने तो कई बार नीतीश को पिता तुल्य बताया है और कहा है कि दोनों का रिश्ता एक पिता-पुत्र की तरह है, लेकिन प्रशांत किशोर के बिहार की राजनीति में उतरने की सुगबुगाहट के साथ ही ऐसा लगता है कि बिहार के राजनीतिक संबंध में कोई भी एक दूसरे को बख्शने के मूड में नहीं है.