
प्रधान,सचिव की मिलीभगत से विकास कार्यों में करोड़ों का घोटाला, पात्र गरीब आवास योजना से वंचित
नैमिष टुडे/संवाददाता
लखीमपुर खीरी की विकासखंड फूलबेहड़ की ग्राम पंचायत रहुआ में ग्राम प्रधान, सचिव और पंचायत मित्र की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खेल खुलेआम चल रहा है। ग्रामीणों के अनुसार यह गड़बड़ी सिर्फ एक योजना तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्राम निधि, मनरेगा और गरीबों के लिए बनी प्रधानमंत्री आवास योजना तक फैली हुई है।
ग्रामीणों का आरोप है कि जिन लोगों के पास पहले से ही दो-दो मंजिला पक्के मकान हैं, उन्हें भी आवास योजना का लाभ दे दिया गया। वहीं, जिनके पास छत तक नहीं है, उन्हें पैसे न देने के कारण योजना से वंचित कर दिया गया। पात्रता सूची में उनका नाम होने के बावजूद उन्हें बाहर कर दिया गया। इतना ही नहीं, कुछ लोगों को तो एक नहीं बल्कि दो-दो आवास स्वीकृत कर दिए गए।
ग्राम निधि के तहत कराए गए इंटरलॉकिंग, नाली निर्माण, बाउंड्री वॉल जैसे कार्यों में घटिया सामग्री का जमकर इस्तेमाल हुआ। बालू की मात्रा मानक से अधिक और सीमेंट-मसाले की मात्रा बेहद कम रखी गई, जिससे निर्माण कार्य शुरू होते ही जर्जर होने लगे हैं।
मनरेगा योजना में भी जमकर हेराफेरी की गई। भूमि विकास, वृक्षारोपण और अन्य कार्यों में मास्टर रोल में मजदूरों की संख्या अधिक दिखाकर भुगतान निकाल लिया गया, जबकि वास्तविक स्थल पर काम करने वालों की संख्या बेहद कम पाई गई। कई ऐसे मजदूरों के नाम भी भुगतान सूची में हैं जो कभी भी काम पर गए ही नहीं।
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इस भ्रष्टाचार की शिकायत कई बार उच्चाधिकारियों से की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। गांव के जागरूक लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द जांच कर दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सामूहिक रूप से आंदोलन करेंगे।
अब सवाल यह है कि आखिर गरीबों और जरूरतमंदों के हक का यह पैसा कब तक ऐसे भ्रष्ट तंत्र की भेंट चढ़ता रहेगा