आगरा , डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी का एक भारत,अखंड भारत और सुरक्षित भारत का सपना ,छः दशक बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धारा 370 समाप्त कर पूरा कर दी सच्ची श्रद्धांजलि

आगरा , डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी का एक भारत,अखंड भारत और सुरक्षित भारत का सपना ,छः दशक बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धारा 370 समाप्त कर पूरा कर दी सच्ची श्रद्धांजलि

विष्णु सिकरवार

आगरा। भारतीय जनता पार्टी आगरा महानगर अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता के नेतृत्व में जे पी सभागार खंदारी आगरा में जनसंघ के संस्थापक पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के अडिग संकल्प एक देश में एक विधान,एक प्रधान और एक निशान राष्ट्र की सबसे बड़ी जरूरत पर संगोष्ठी आयोजित की गई।

संगोष्ठी का उद्घाटन मुख्य वक्ता प्रदीप चौहान,भाजपा आगरा महानगर अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता,पूर्व सांसद प्रभुदयाल कठेरिया,पूर्व महापौर इंद्रजीत आर्य,शिवशंकर शर्मा,मनीष गौतम,नवल तिवारी,मनोज राजोरा आदि ने डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया।सभी अतिथियों को पुष्पगुच्छ देकर एवं दुपट्टा पहनाकर अभिवादन किया गया।

भाजपा आगरा महानगर अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता ने कहा कि श्यामा प्रसाद के 72 वे बलिदान दिवस पर आज हम सभी देश की एकता और अखंडता के लिए अपना जीवन न्योछावर करने वाले भारत माता के वीर डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को संगोष्ठी में एक दूसरे को बताने आए है।1927 में बैरिस्टर बने ,33 वर्ष की आयु में कलकत्ता विश्विद्यालय में कुलपति नियुक्त हुए।राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक गुरु गोलवलकर जी से परामर्श लेकर श्री मुखर्जी ने 31 अक्टूबर 1951 को राष्ट्रीय जनसंघ की स्थापना की।डॉक्टर मुखर्जी कश्मीर विलय और भारत की अखंडता के दृढ़ समर्थक थे।उन्होंने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को भारत के बालकनीकरण की संज्ञा दी थी।

प्रदीप चौहान ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाना चाहते थे। संसद में अपने भाषण में उन्होंने धारा 370 को समाप्त करने की भी जोरदार वकालत की।अगस्त 1952 को उन्होंने जम्मू कश्मीर की विशाल रैली में उन्होंने अपना संकल्प व्यक्त किया कि या तो मैं आपको आपका संविधान वापिस कराऊंगा या फिर इस उद्वेश्य की पूर्ति के लिए अपना जीवन बलिदान कर दूंगा। अपने संकल्प को पूरा करने के लिए डॉक्टर मुखर्जी 1953 में बिना परमिट कश्मीर के लिए निकल गए थे और पहुंचते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थिति में उनकी मृत्यु हो गई। जेल में हुई उनकी मृत्य ने पूरे देश को शोकमय और दुखी कर हिलाकर रख दिया था।उनका कश्मीर के लिए दिया नारा नहीं चलेगा एक देश में दो विधान,दो प्रधान,दी निशान छः दशकों के इंतजार के बाद पूरा हुआ है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रदीप चौहान, भाजपा आगरा महानगर अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता,प्रभु दयाल कठेरिया,इंद्रजीत आर्य, शिवशंकर शर्मा,वीरेंद्र अग्रवाल,नवल तिवारी,मनीष गौतम,विजय भदौरिया,मनोज राजोरा,नीरज गुप्ता,रोहित कत्याल,अभिषेक गुप्ता,महेश शर्मा,राहुल सागर,मनमोहन कुशवाह,नवीन गौतम,वीरेंद्र श्रीवास्तव,विपुल मित्तल, शैलू पंडित,हिमांशु ठाकुर,नरेंद्र सिकरवार,राहुल जैन,मनीष अवस्थी,राजेश प्रजापति,देवेश पचोरी,आदेश सिंघल,गजेंद्र वर्मा,सर्वेश बघेल,कौशल चौहान,मनीष अग्रवाल,गोपाल शर्मा,रश्मि धाकड़,उपमा गुप्ता,निशि शर्मा ,सिंधु गुप्ता,सीमा सिंघल, रेखा गुप्ता,विजय लक्ष्मी गुप्ता,माधुरी माहौर,अंजू शर्मा,आदि उपस्थित रहे।

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