आबकारी विभाग के कारनामों का घड़ा भरा, कभी भी गिर सकती है गाज, आबकारी विभाग की चुप्पी अश्चर्यजनक

*आबकारी विभाग के कारनामों का घड़ा भरा, कभी भी गिर सकती है गाज, आबकारी विभाग की चुप्पी अश्चर्यजनक…*

 

*समूचे कार्यकाल की जांच की उठ रही मांग, लेकिन अब तक आबकारी विभाग की चुप्पी अश्चर्यजनक…*

 

*राजस्व के इतने बड़े नुकसान की भरपाई किससे होगी?*

 

*डीओ के फैसले, कितने सच्चे-कितने झूठे या माया ही माया*

 

*नहीं थम रहा माझा क्षेत्र में अवैध मादक पदार्थों के निर्माण और बिक्री का सिलसिला*

 

अंबेडकरनगर

जिला आबकारी विभाग की भ्रष्ट कार्यशैली और इसके तेवर के सार्वजानिक होने के बाद राज्य स्तर से इस पर कार्यवाई होने की खबरें आ रही हैं. यही नहीं जनपद में अवैध रूप से मादक पदार्थों की बिक्री को लेकर जांच हो सकती है.ताज्जुब की बात तो यह है कि जनपद में हो रहे अवैध रूप से मादक पदार्थों की बिक्री को लेकर आबकारी मंत्रालय से लेकर राज्य और जिले स्तर के आला-अधिकारियों तक इनकी खूब चर्चा होने के बावजूद भी अब तक कोई कार्यवाई नहीं की गयी है. इनकी चुप्पी को लेकर अब बाज़ार में चर्चाएं गर्म होने लगी है.माया के बंदरबांट के आदि हो चुके इस विभाग के चेले-चपाटों की माने तो इसके विरुद्ध निरंतर हो रहे खबर प्रकाशन के बाद से ही यह विभाग अपनी शाख बचाने की जद्दोजहत में लगा हुआ है.सूत्र बताते हैं कि इस विभाग के विरुद्ध बहुत ही जल्द राज्य स्तर से इसके कार्यकाल के जांच के आदेश आ सकते हैं,जिसके बाद इस पर गाज गिरना तय माना जा रहा है.इसके द्वारा सालाना तगड़ी रकम तो ली ही जा रही है साथ ही साथ शहर के सभी दुकानों में इसका हिस्सा भी बंधा हुआ है।जिला प्रशासन द्वारा विभागीय व्यवस्था को सुधारने अफसरों और कर्मियों को हरसंभव दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं लेकिन किसी पर किसी भी प्रकार की कार्यवाई का किया जाना मतलब ओखली में सर डाले जैसी स्थिति को निर्मित कर रहा है, ऐसी चर्चा अब तो विभागीय स्तर पर भी होने लगी है. सूत्र बताते हैं कि इसके विरुद्ध जो कोई भी जाता है।फिर चाहे वो अधिकारी हो, कर्मचारी हो, पत्रकार हो या फिर बाहरी कोई व्यक्ति, उसकी झूठी शिकायत करने से यह विभाग बिलकुल भी गुरेज नहीं करता।सूत्रों की माने तो जिला डीओ; विभागीय कार्य में इतने मशगूल रहते हैं कि इन्हें निचले स्तर पर हो रहे उतार-चढाव से कोई सरोकार ही नहीं होता और कर्मी रोजाना चौका-छक्का मार रहे हैं. मादक पदार्थों का निर्माण व बिक्री कर लोगों द्वारा राजस्व को बहुत बड़ा नुकसान पहुँचाया जा रहा है जिसका खामियाजा कहीं न कहीं राज्य शासन से लेकर आम जनता को भी आने वाले भविष्य में भोगना पड़ सकता है.शहर के कई बुद्धिजीवियों ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि विभाग अवैध रूप से मादक पदार्थों के निर्माण और बिक्री को लेकर अपनी शेखी बघार रही है लेकिन आगामी भविष्य में विकराल रूप लेने वाली आबकारी विभाग की इस जनहित की समस्या को लेकर अब तक कोई भी मादक पदार्थों के निर्माण व बिक्री पर कोई कठोर कार्यवाही नहीं की गयी।

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