2025 की होली पर रमजान के दूसरे सप्ताह के शुक्रवार का दिन-सौहार्द,भाईचारा, प्रेम, सामाजिक समरस्ता का संकल्प लें

2025 की होली पर रमजान के दूसरे सप्ताह के शुक्रवार का दिन-सौहार्द,भाईचारा, प्रेम, सामाजिक समरस्ता का संकल्प लें

होलिका दहन के साथ हम अपनी नकारात्मकता और बुराइयों का दहन कर भाईचारे को मजबूत रंगों में रंगे

अधर्म पर धर्म की विजय हमें आपसी भाईचारे, सद्भाव, सौहार्द और मानवीय सामाजिक समरसता से ही मिलेगी- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर त्योहारों के प्रतीक भारत में आदि अनादि काल, हजारों वर्षों से सभी त्यौहारों को बड़े ही आत्मीयता, उत्साह सौहार्द से मनाने की प्रथा रही है जो आज भी उसी लगन, उत्सव, आनंद से शुरू है।हर साल होली का त्योहार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है. रंगों के त्योहार को होली के नाम से जाना जाता है. इस बार होली का त्योहार 14 मार्च, शुक्रवार को मनाया जाएगा. होली से एक दिन पहले होलिका दहन करने की परंपरा है यानी 13 मार्च को होलिका दहन होगा।
साथियों बात अगर हम 13- 14 मार्च 2025 दो दिवसीय होलीका पर्व उत्सव की करें तो हर भारतीय त्योहार की तरह होली मनाने का भी अपना एक कारण है जिसको जानना आधुनिक युवाओं के लिए ख़ास महत्वपूर्ण है। पौराणिक कथाओं के अनुसार प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नामक राक्षस राजा का पुत्र प्रहलाद, भगवान विष्णु का परम भक्त था जो उसके राक्षस पिता को पसंद नहीं था और भक्ति से विमुक्ति करने उसने अपनी बहन होलिका को यह जिम्मेदारी सौंपी, जिसे वरदान प्राप्त था कि अग्नि भी उसकी देह को जला नहीं सकती, इसलिए होलिका ने भगत प्रह्लाद को मारने उसे गोद में लेकर अग्नि में प्रवेश हो गई परंतु वह खुद जल गई पर भगत प्रल्हाद का बाल भी बांका नहीं हुआ दूसरी ओर रंग वाली होली पर्व उत्सव राधा-कृष्ण के पावन प्रेम के प्रतीक के रूप में भी मनाई जाती है। समय के बदलते परिपेक्ष में वर्तमान समय में मीडिया में इसे मनाने को लेकर अनेक पर्यावरणीय योग उपचार, स्वास्थ्य संबंधी वैज्ञानिक कारण भी बताए गए हैं। वर्तमान समय में परिस्थितियों बदल गई है, अभी 2025 की होली में रमजान के दूसरे सप्ताह में शुक्रवार के दिन होली भी मनाई जाए जा रही है इसीलिए शासन प्रशासन नागरिकों को विशेष ध्यान रखना होगा। होली के रंग में सराबोर हो आपसी सौहार्द, भाईचारा, प्रेम, सामाजिक समरस्ता का संकल्प लेना होगा शासन प्रशासन मुस्लिम कमेटीयों द्वारा भी प्रशासन द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन करने पर जोर दिया। यह कदम दोनों त्योहारों के शांतिपूर्ण आयोजन को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। रमजान उल मुबारक दूसरे जुमा की नमाज होली को देखते हुए कमेटी द्वारा गाइडलाइन जारी की गई है।
(1)- रमजान का पाक महीना चल रहा है। 14 मार्च को जुमा भी है और हमारे हम वतनी भाइयों का होली का त्योहार भी है। इस दिन हिंदू भाई रंग खेलेंगे। मुस्लिम बड़ी तादात में मस्जिदों की तरफ जुम्मे की नमाज अदा करने जाएंगे। ऐसे में अपने घर से करीब मस्जिदों में नमाज अदा करें। (2)- जिन रास्तों पर होली का रंग चल रहा हो,ऐसे रास्तों से न गुजरे। बल्कि दूसरे रास्तों का चयन करके मस्जिद पहुंचे। अपनी नमाज अदा करें और अपने घरों को आए। (3)- ये मिश्रित आबादी वाली मस्जिदों पर विशेष ख्याल रखा जाए। दो शिफ्ट में नमाज अदा करें। मस्जिद की जिम्मेदार कमेटी के लोग हालात के मद्देनजर टाइमिंग को सेट कर लें। ताकि नमाज भी मुकम्मल हो जाए और नमाजियों को मस्जिदों तक आने और जाने में किसी तरह की परेशानियां ना हों।(4)- सड़कों पर नमाज न अदा करें। बल्कि मस्जिदों के अंदर से सफ्वंदी करें। तादाद ज्यादा हो तो दो शिफ्ट में नमाज अदा करें।(5)- किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान ना दिया जाए। आपसी भाईचारा बनाए रखें। सद्भावना का संदेश देते हुए दोनों त्योहार को सकुशल संपन्न कराएं। धोखे से या गलती से रंग पड़ जाए तो बहस न करें। मानवता का संदेश देने वाले पैगंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के किरदार को बहैसियते मुसलमान आम करें।(6)- रमजान मुबारक का बरकत वाला महीना चल रहा है ज्यादा से ज्यादा। इबादत में वक्त गुजरे गरीबों, बेव यत्तीम, बीमारो, पड़ोसियों की मदद करें इंसानियत का पैगाम दें। (7)- देश की तरक्की के लिए दुआ करें, मुल्क में अमन चैन कायम रहे। इसके लिए अपनी दुआओं में विशेष ख्याल रखें। इबादत का महीना है। आपकी तरफ से किसी को तकलीफ ना हो। इसका ख्याल रखें। रातों को सड़कों पर नहीं घूमें। बल्कि मस्जिदों और घरों में इबादत करें। अल्लाह और उसके रसूल को राजी करें।
साथियों बात अगर हम भारतीय रेलवे प्रशासन द्वारा रेलवे परिसर में होली हुड़दंग पर नजर रखने की करें तो, होली के त्योहार के दौरान रेलवे में यात्रियों को सुरक्षित यात्रा प्रदान करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है, ताकि ट्रेनों के साथ-साथ स्टेशनों पर भी गुंडागर्दी पर नजर रखी जा सके। रेलवे अधिकारियों के अनुसार सुरक्षाकर्मी पटरियों, प्लेटफार्मों और ट्रेनों की निगरानी कर रहे हैं. वे त्योहार के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए रेलवे पटरियों के पास रहने वाले ग्रामीणों को शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं।अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों ने ग्रामीणों को जागरूक किया है और उनसे कहा है कि अगर उन्हें पटरियों के पास कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो वे इसकी सूचना दें। सुरक्षाकर्मियों ने एंट्री और एग्जिट गेट, प्लेटफार्मों, पार्किंग, ट्रेनों और पटरियों पर गहन जांच और पैदल गश्त शुरू कर दिया है। आपराधिक घटनाओं की रोकथाम और सुरक्षा व्यवस्था के लिए जीआरपी विभिन्न रेलवे स्टेशनों के बाहरी और रेलवे ट्रैक पर गश्त कर रही है और संदिग्ध व्यक्तियों की जांच और निगरानी कर रही है। आगामी त्योहारों के मद्देनजर केंद्रीय रेल मंत्री ने हाल ही में स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की और कई निर्देश जारी किए थे।
साथियों बात अगर हम रंगों के महोत्सव होली पर क्या करें और क्या नहीं करें को समझने की करें तो (अ) होली पर क्या करें? (1) इस मौके पर होली खेलने के लिए, गुलाल फूल, व साफ पानी का उपयोग करें। (2) सबसे पहले अपने ईष्ट को रंग लगाएं। (3) इस दिन राधा-कृष्ण और शिव-पार्वती की विधिवत पूजा करें। (4) फिर अपने घर के बड़ों को सम्मान के साथ गुलाल लगाएं और उन्हें मिठाई खिलाएं। (5) इसके साथ ही इस मौके पर भगवान विष्णु और धन, प्रचुरता-समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा करें। (6) इस दिन ज्यादा से ज्यादा दान-पुण्य करें, क्योंकि इस दिन यह बहुत लाभकारी माना गया है। (7)अपने प्रियजनों के साथ होले खेलें। (8) इस मौके पर सात्विक भोजन करें। (9) इस मौके पर अपने शत्रुओं को भी माफ कर उन्हें प्यार और होली के रंग में रंग दें।(बी )होली पर क्या न करें? (1) इस दिन किसी के साथ विवाद न करें (2) इस दिन बड़ों का अपमान न करें। (3) दूसरों के बारे में बुरा बोलने से बचें। (5) इस शुभ दिन पर तामसिक भोजन खाने से बचें। (6) इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
साथियों बात अगर हम उपरोक्त पौराणिक और वैज्ञानिक कारणों को मानकर होली मनाने के उद्देश्य समझने की करें तो बुराई में चाहे कितनी भी ताकत हो किंतु अच्छाई की तपिश में खाक हो जाती है। इसलिए हम पिछले दो साल के कोरोनाकाल के दुखदाई क्षणों से उबर रहें हैं तो होलिका दहन के साथ हम अपनी नकारात्मकता और बुराइयों को दहन कर भाईचारे को मजबूत रंगों में रंगेआओ सब मिलकर होली के रंग में सराबोर हो आपसी सौहार्द, भाईचारा, प्रेम सामाजिक समरसता का संकल्प लेकर एक नए मज़बूत भारत में प्रवेश कर अपने विज़न 2047 और 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने की ओर आगे क़दम बढ़ाएं।
साथियों बात अगर हम होली पर्व उत्सव से प्रेरणा की करें तो, अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक, असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक यह त्यौहार हमें बताता है कि अधर्म असत्य कितना भी बलशाही क्यों न हो, हमारी ताकत, संकल्प, जुनून, जांबाज़ी, ज़ज़बे की ताकत उसे ध्वस्त कर देगी। यह ताकत हमें आपसी भाईचारे, सद्भाव, सौहार्द और मानवीय सामाजिक समरसता से ही मिलेगी जिसकी प्रेरणा हमें होली पर्व महोत्सव से लेने की जरूरत है। यह त्यौहार हमें भीतरी विकारों को त्यागने वह नष्ट करने की प्रेरणा सदियों से देता आया है और इस होलिका दहन पर हम सभी के विकारों का इस पवित्र अग्नि के साथ समूल नाश करें।
साथियों बात अगर हम होली पर्व उत्सव को वर्तमान आधुनिक परिपेक्ष में दूषित करने से बचाने की करें तो,होली का त्यौहार भारतीय त्यौहारों में एक महत्व रखता है ,खासकर के पूर्वोत्तर क्षेत्र में। होली का त्यौहार यूं तो आज पूरे विश्व में मनाया जाता है।भारतीय त्योहारों को मनाने के पीछे उसका उद्देश्य छिपा रहता है। यह त्यौहार प्रकृति तथा व्यक्ति के जीवन पर आधारित होता है।इसको मनाने के पीछे वैज्ञानिक तर्क भी कार्य करते हैं। होली के त्यौहार को भारत के विद्वान तथा बुद्धिजीवी लोग तो जानते हैं ,किंतु कुछ असामाजिक तत्व इसकी मर्यादा को भंग करते हैं। मर्यादा से तात्पर्य यह है कि इसके उद्देश्य को क्षति पहुंचाते हैं। यह त्यौहार खुशियां मनाने का है, एक दूसरे के सुख में शामिल होने का है, अपने दुखों को भूल जाने का है। वहीं कुछ लोग इस त्यौहार को दूषित करते हैं अर्थात दारू, मदिरा, भांग, मांस आदि खाकर इस त्यौहार की मर्यादा को तोड़ते है साथ ही वह अपने परिवार तथा समाज के मर्यादाओं को भी क्षति पहुंचाते हैं। और त्योहार की गरिमा को भंग करते हैं? हालांकि यह उनके विवेक पर निर्भर करता है। हमारा उद्देश्य है समाज में त्यौहार की मर्यादा को बनाए रखना तथा उसके प्रति समाज को जागरूक करना। जो व्यक्ति इस मर्यादा को तोड़ता है अथवा भंग करता है उसे हम एक सच्चे समाज के व्यक्ति होने के नाते रोक सकते हैं। इसकी गरिमा को बचाए रखने के लिए इसके वैज्ञानिक तथ्य को उसके समक्ष रख सकते हैं। हम सबसे आशा करते हैं तोहार को त्यौहार के रूप में मनाते रहे इससे दारू, मदिरा तथा मांस आदि का सेवन करके समाज को दूषित ना करें।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि,2025 की होली पर रमजान के दूसरे सप्ताह के शुक्रवार का दिन-सौहार्द भाईचारा, प्रेम, सामाजिक समरस्ता का संकल्प लें होलिका दहन के साथ हम अपनी नकारात्मकता और बुराइयों का दहन कर भाईचारेको मजबूत रंगोंमें रंगे अधर्म पर धर्म की विजय हमें आपसी भाईचारे,सद्भाव,सौहार्द और मानवीय सामाजिक समरसता से ही मिलेगी।

*-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र

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