*स्वास्थ्य विभाग कब गैर कानूनी नर्सिंग कॉलेजों को चिन्हित कर करवाएगी एफआईआर*
*स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते अवैध नर्सिंग होम की भरमार*
*कमीशनखोरी के चक्कर में मापदंडों को ताक पर रख जारी कर रहे लाइसेंस, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उदासीन*
अंबेडकरनगर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में नियमविरुद्ध तरीके से संचालित हो रहे नर्सिंग कॉलेजों को चिन्हित कर इनके संचालकों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। स्वास्थ विभाग की लापरवाही के चलते जहां नगर की गली और कूचों में नर्सिंग होमो की भरमार है तो वहीं दूसरी तरफ अवैध रूप से पैथालॉजी सेन्टर संचालित हो रहे हैं।
जिसका रजिस्ट्रेशन न होने के बावजूद पैरामेडिकल और नर्सिंग कॉलेज धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं।इन संचालकों को स्वास्थ विभाग के अधिकारियों का कोई डर व भय नहीं है। जिसका जीता जागता उदाहरण नगर सहित ग्रामीण इलाकों में छोटे छोटे बाजारों में पैरामेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों के संचालन का सिलसिला काफी समय से फल फूल रहा है । मिली जानकारी के अनुसार नर्सिंग कॉलेज द्वारा विद्यार्थियों से फीस की अवैध वसूली की जा रही है। यही नहीं जनपद में निजी नर्सिंग होम संचालक नियमों को ताक में रखकर धड़ल्ले से अपनी दुकान चला रहे हैं। कमीशनखोरी के चक्कर में जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग अधिकारी चुप्पी साध रखे हैं। शासन ने लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने नर्सिंग होम एक्ट लागू किया है। इस एक्ट में अवैध रूप से संचालित क्लीनिकों पर कार्रवाई का प्रावधान है, मगर इसके बाद भी जिले में बड़ी संख्या में अवैध रूप से क्लीनिक, पैथोलेब व नर्सिंग होम संचालित किए जा रहे हैं। नर्सिंग होम एक्ट अंतर्गत निर्धारित मापदण्डों को खरा उतरने वाले निजी अस्पताल संचालकों को लाइसेंस जारी किया जाता है।
जनपद अंबेडकर नगर में पैरामेडिकल और नर्सिंग के नाम पर कई दर्जनों की तादाद में कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं जिससे छात्रों का भविष्य अधर में है। जो कि स्वास्थ्य विभाग के संज्ञान में भी है परंतु इस पर कार्यवाही करने से दूर भगते हैं जिम्मेदार अधिकारी। क्या योगी आदित्यनाथ के आदेशों को अमलीजामा पहनाने में कामयाब होंगे स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी। जबकि राज्य में अवैध नर्सिंग कॉलेजों के संचालन की लगातार बढ़ती शिकायतों के मद्देनजर योगी ने कहा कि ऐसी हर जानकारी या शिकायत को पूरी गंभीरता से लेते हुए तत्परता से कार्रवाई की जाये।वहीं कई लोग पैरामेडिकल कोर्स कर ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से क्लीनिकों का संचालन भी कर रहे हैं जबकि इसके लिए वे अधिकृत नहीं है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग द्वारा अवैध रूप से संचालित अस्पताल संचालकों पर कार्रवाई नहीं की जाती। इस एक्ट के तहत सैकड़ों आवदेकों ने आवेदन विभाग को प्रस्तुत किया था। इनमें गिनती के नर्सिंग होम को मान्यता दी गई है, जबकि आंकड़ों के अनुसार अभी भी कई ऐसे क्लीनिक बिना मान्यता के ही संचालित हो रहे हैं बाजूवद इसके स्वास्थ्य विभाग द्वारा अवैध रूप से संचालित निजी अस्पताल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है। इस संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ अंबेडकर नगर से इस बात की जानकारी लेने सम्पर्क किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया, जो स्वास्थ्य विभाग में सीएमओ पद भी काबिज है जवाबदारियों का बोझ होने से उन्हें फुर्सत ही नहीं मिल पा रहा है या जिम्मेदार पद उनके पास होने से विभाग के कार्य संभाल नहीं पा रहे हैं।