
नंद के आनंद भयो जय हो नंदलाल की,हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की
नैमिष टुडे
विष्णु सिकरवार
आगरा। बाह क्षेत्र के पुरा बाघ राज में श्रीमद् भागवत कथा में श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन किया गया। कर्नल गजेंद्र सिंह भदौरिया व अलका भदौरिया परीक्षत के घर लड्डू गोपाल के जन्म से पुरा बाघराज गांव निवासी खुशी से झूम उठे। श्री वृंदावन धाम से पधारे आचार्य ब्रजेश जी श्रीमद् भागवत कथा वाचक (फरेरा वाले) द्वारा मृदुल सरल भाषा में भागवत कथा के पांचवे दिवस पर राजा दशरथ जन्म की कथा का विस्तारपूर्वक वर्णन करते हुए बताया कि व्यक्ति कितना ही बड़ा बलवान व धनवान हो परंतु उसके द्वारा दिए गए दान दक्षिणा का फल उसको तभी प्राप्त होता है जब वो स्वयं अपनी मेहनत के द्वारा अर्जित की गई धन संपदा का दान करता है। चक्रवर्ती राजा अज ने अपनी धर्म पत्नी इंदुमति द्वारा किए गए यज्ञ के उपरांत दान दक्षिणा लेने से इंकार करते हुए ब्राह्मण ने कहा कि हे राजन दान दक्षिणा स्वयं के परिश्रम से कमाए हुए धन को ही देना चाहिए । यह बात सुनकर राजा अज ने अपना भेष बदलकर लुहार की दुकान पर मेहनत मजदूरी कर एक रुपए का सिक्का कमाकर ब्राह्मण को दान किया ।ब्राह्मण द्वारा दान में मिले सिक्के को महल के आंगन में फेंक दिया।सिक्के के स्थान पर खुदाई करने पर नो रथ निकलने के बाद दशबे स्वर्ण रथ पर निकला बालक राजा दशरथ के नाम से विख्यात हुआ ।कथा के शायं कालीन शत्र में श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव पर पंडाल में बैठे महिला व पुरुष श्रद्धालू एक दूसरे को श्री कृष्ण के जन्म की बधाई देते हुए बधाई गीतों पर खुशी से जमकर नाचे। कर्नल गजेंद्र सिंह भदोरिया ने बताया कि अपने पूर्वज भोपत शाह,बाघ राज सिंह, मंगल सिंह के प्रपोत्रो को सादर नमन करते हुए श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया है। साथ ही कर्नल गजेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि उनके पूर्वज भोपत शाह द्वारा केंजरा क्षेत्र, व बाघ राज सिंह द्वारा पुरा बाघराज गांव बसाया गया था। श्रीमद् भागवत कथा में मुख्य रुप से नीरज जादौन (आई पी एस) एस एस पी हरदोई ,अंतर राष्टीय बॉलीबॉल खिलाड़ी अजय भदौरिया पूर्व डी वाई एस पी,कृपा नारायण शर्मा( छुट्टन), मुकेश शर्मा ,विक्रम सिंह कुशवाह, पंडित रामदास शर्मा ,जिलेदार सिंह, पंडित शिवदत्त शर्मा ,अवनीश शर्मा, सुरेंद्र सिंह ,शिव कुमार भदौरिया, श्याम प्रसाद ,सुरेंद्र सिंह, के साथ पुरा बाघराज के आसपास के गांव से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने कथा का रस पान किया।