मिश्रित सीतापुर / महर्षि दधीचि की स्मृति में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी फाल्गुनी अमांवस्या को नैमिषारण्य के चक्र तीर्थ में स्नानोंपरान्त परंपरागत रूप से पहला आश्रम के महंत व 84 कोसी परिक्रमा मेला के अध्यक्ष नारायण दास उर्फ नन्हकूदास के व्दारा डंका बजाते ही आज भोर चार बजे से सभी परिक्रमार्थियों ने रामाध्वनि के गंगन भेदी जयकारों के साथ यह धार्मिक परिक्रमा प्रारम्भ कर दी है । इस धार्मिक परिक्रमा में साधू , संत , महन्त , मठाधीश , ढोल , नगाड़ो के साथ हाथी घोड़ा पालकी पर सवार होकर परिक्रमा कर रहे हैं । इस मौके पर मेला अधिकारी / उपजिलाधिकारी पंकज कुमार सक्सेना व पुलिस क्षेत्राधिकारी राजेश कुमार यादव सहित सभी प्रशासनिक अधिकारियों ने संत महंतों को फूल माला पहनाकर स्वागत किया । और सभी परिक्रमार्थियों पर पुष्प वर्षा कर प्रथम पड़ाव कोरौना के लिए रवाना किया । सभी परिक्रमार्थी प्रथम पड़ाव कोरौना पहुंच कर यहां के द्वारकाधीश भगवान के दर्शन करेंगे और यहीं रात्रि विश्राम करेंगे । भोर होते ही सभी परिक्रमार्थी गोमती नदी पार कर अपने दूसरे पड़ाव जनपद हरदोई के हर्रैइया पड़ाव को प्रस्थान करेंगे । सभी परिक्रमार्थी जनपद हरदोई के चार पड़ावों की नित्य प्रति परिक्रमा और रैन बसेरा करते हुए छठे दिन फिर गोमती नदी पार कर जनपद सीतापुर के छठे पड़ाव देवगवां आ जाएगे । सभी परिक्रमार्थी जनपद सीतापुर के बाहरी पड़ावों का भ्रमण और रैन बसेरा करते हुए एकादशी तिथि को महर्षि दधीचि की पावन तपो भूमि पर कस्बा मिश्रित आ जाएगे । यहां सभी परिक्रमार्थी पांच दिनों तक रैन बसेरा करके रात्रि विश्राम करते हुए नित्य प्रति यहां की पंचकोसी परिक्रमा करेंगे । तथा पूर्णिमा तिथि को दधीचि कुंड तीर्थ में बुडकी स्नान करके अपने-अपने गृह जनपदों को प्रस्थान करेंगे ।
उपजिलाधिकारी / मेला अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया है । कि 84 कोसी परिक्रमा मेला की सभी व्यवस्थाएं पूर्ण करा ली गई हैं । मेला प्रशासन द्वारा सभी मेलार्थियों का सहयोग किया जा रहा है । किसी भी परिक्रमार्थी को कोई समस्या का सामना नही करना पड़ेगा ।
पुलिस क्षेत्राधिकारी ने बताया हैं । कि 84 कोसी परिक्रमा मेला के सभी पड़ाव स्थलों पर चोर उचक्कों से निपटने के लिए सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही है । परिक्रमार्थियों के सहयोग हेतु सभी पड़ाव स्थलों पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है । ताकि किसी भी परिक्रमार्थी को कोई समस्या न होने पाए ।