संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित रामोत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत शुक्रवार को जनजातीय कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी प्रथम प्रस्तुति आल्हा गायन महोबा के उमाशंकर सेन द्वारा कीरत बीमल निर्भीक महोबा नगर रहे गुरु गोरख का वरदान यही पृथ्वी पर आल्हा अमर रहे । दूसरी प्रस्तुति प्रयागराज के दिनेश यादव की बिरहा लोक गायन राम जन्म सोहर पियरी पहिरी राजा दशरथ अइले अंगनवा हो…अवधी गीत होली गीत राम की होली रही इसके बाद सोनभद्र के राम आधार एवं दल द्वारा करमा नृत्य जिसे भादो माह मे सात कुंवारी लड़कियां व्रत रहकर करम वृक्ष की डाल को आंगन में गाडकर महिला पुरुष दोनों खेलते हुए नृत्य करते हैं यह नृत्य दशहरा या दिवाली के अवसर पर देवी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है तथा संतान की प्राप्ति के लिए शीतला माता की आराधना में करमा नृत्य को करते हैं।इसके बाद पंजाब के मनप्रीत सिंह एवं दल का भांगड़ा नृत्य जिसे खुशी का प्रतीक जब वैशाख में फसल की कटाई के बाद जो भी फसल प्राप्त होते हैं तो उसकी खुशहाली मे भांगड़ा नृत्य करते है फसल के उगने की प्राप्ति की खुशहाली को मेले में जाकर भांगड़ा नृत्य कर खुशियां मनाते है । इसके बाद लखनऊ कीआकाक्षा श्रीवास्तव की नृत्य नाटिका जिसमें रामायण के विभिन्न प्रसंग राम जन्म फुलवारी प्रसंग राम विवाह राम वन गमन राम का अयोध्या आगमन आदि पर नृत्य नाटिका की प्रस्तुति बहुत जोरदार रही दर्शकों ने जमकर तालियां बजाई। इसके बाद राजस्थान के हीरा नाथ जी का कालबेलिया नृत्य रहा।