∆ध्वजा रोहण के समय जिसूअ का हुआ अपमान
सीतापुर।गणतंत्र दिवस के मौके पर रिजर्व पुलिस लाइन में प्रभारी मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह के कार्यक्रम की कवरेज कर रहे जिला सूचना अधिकारी को आपत्तिजनक शब्दों से ना नवाजते हुए एएसपी उत्तरी के द्वारा अपमानित किया गया। मामले की अब काफी चर्चाएं होने लगी कई समाचार पत्रों ने इसको प्रमुखता से प्रकाशित किया है की कवरेज के दौरान जिला सूचना अधिकारी के साथ जो घटित हुआ। इसपर जिला सूचना अधिकारी सीतापुर से भी पूछा तो उनसे पता चला की वह गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रभारी मंत्री के प्रोटोकॉल में तैनात थे और कार्यक्रम की कवरेज कर रहे थे और इसी दौरान एएसपी उत्तरी प्रकाश कुमार उनके पास आए और आपत्ति जनक शब्दों से अपमानित किया सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने आपत्तिजनक शब्दों से अपमानित कर कलेक्ट्रेट वापस जाने को भी कहा। जिला सूचना अधिकारी ने बताया कि इसके पूर्व विकासखंड परसेंडी के पट्टी सेवई में 28दिसंबर2023 को प्रभारी मंत्री के निरीक्षण के दौरान भी धक्का मुख कर एएसपी प्रकाश कुमार द्वारा मौके से हटने को कहा गया था। गणतंत्र दिवस के मौके पर जो जिला सूचना अधिकारी सीतापुर के साथ एएसपी प्रकाश कुमार के द्वारा अभद्र और अपमानजनक भाषा का उपयोग किया गया जवाब दें एएसपी उत्तरी प्रकाश कुमार यह क्या था हिटलर शाही थी या फिर भारतीय पुलिस की सभ्य भाषा, ध्वजारोहण के समय जिला सूचना अधिकारी का अपमान हुआ उस पर डीजीपी उप्र को मानसिक उत्पीड़न और शासकीय कार्यों में अवरोध उत्पन्न करने का आरोप लगाते हुए उचित कार्यवाही की मांग की है। एक तरफ शासन जहां पुलिस को अपनी बेहतर छवि जनमानस के सामने प्रस्तुत करने के लिए दिशा निर्देश दिए हैं तो दूसरी तरफ जिला सूचना अधिकारी सीतापुर से एएसपी प्रकाश कुमार की आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग कर अपमानित करना सवाल खड़े करती है। क्या यही भाषा होनी चाहिए एक उच्च पद पर बैठे हुए सरकारी अधिकारी!तो वहीं एएसपी प्रकाश कुमार ने लगाए गए आरोपी को निराधार बताया और कहा कि जिला सूचना अधिकारी सीतापुर कुछ पत्रकारों के साथ मंच के पास खड़े थे सबसे बैठने के लिए कहा गया था जिला सूचना अधिकारी ने उन बातों का गलत अर्थ निकाल लिया।फिलहाल देखना होगा इस मामले को कितनी गंभीरता से लिया जाता है फिलहाल इस पर कुछ भी कहना मुमकिन नहीं है यह तो जिला सूचना अधिकारी के भेजे गए पत्र के बाद ही पता चलेगा कि इस मामले में क्या कार्यवाही होगी।