नैमिष टुडे-अनुज कुमार जैन
महमूदाबाद, सीतापुर
जयंती क़े अवसर पर उपाध्यक्ष नरेश चंद्र, अभिभावक गण राकेश विश्वकर्मा, सुनील प्रजापति, धर्मेन्द्र कुमार, राधेश्याम, सर्वेश कुमार, प्रदीप यादव राम शरण ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर दीपार्चन एवं पुष्पार्चन किया |
कोषाध्यक्ष डॉ अखिलेश कुमार ने बताया कि 23 जनवरी 1897 का दिन विश्व इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। इस दिन स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक सुभाषचंद्र बोस जी का जन्म कटक के प्रसिद्ध वकील जानकीनाथ जी तथा प्रभावती देवी जी के यहां हुआ।
वरिष्ठ ट्रस्ट सदस्य राजेंद्र कौल ने बताया कि नेताजी क़े पिता ने अंग्रेजो के दमनचक्र के विरोध में ‘रायबहादुर’ की उपाधि लौटा दी। इससे सुभाष के मन में अंग्रेजो के प्रति कटुता ने घर कर लिया। अब सुभाष अंग्रेजों को भारत से खदेड़ने व भारत को स्वतंत्र कराने का आत्मसंकल्प ले, चल पड़े राष्ट्रकर्म की राह पर।
वरिष्ठ ट्रस्टी राजेश प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि आईसीएस ICS की परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद सुभाष ने आईसीएस से इस्तीफा दिया। इस बात पर उनके पिता ने उनका मनोबल बढ़ाते हुए कहा- ‘जब तुमने देशसेवा का व्रत ले ही लिया है, तो कभी इस पथ से विचलित मत होना।’
प्रबंधक डॉ विनीता चंद्रा ने अपने अक्तव्य में कहा कि दिसंबर 1927 में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के बाद 1938 में उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया।
चेयरमैन डॉ हरीश चंद्रा ने बताया कि
12 सितंबर 1944 को रंगून के जुबली हॉल में शहीद यतीन्द्र दास के स्मृति दिवस पर नेताजी ने अत्यंत मार्मिक भाषण देते हुए कहा- ‘अब हमारी आजादी निश्चित है, परंतु आजादी बलिदान मांगती है। आप मुझे खून दो, मैं आपको आजादी दूंगा।’ यही देश के नौजवानों में प्राण फूंकने वाला वाक्य था, जो भारत ही नहीं विश्व के इतिहास में स्वर्णाक्षरों मे अंकित है। ऐसे महापुरुष को शत शत नमन |
इस अवसर पर प्रधानाचार्य सुधीर कुमार, उप प्रधानाचार्य अश्विनी कुमार, सेठ रामगुलाम डिग्री कॉलेज प्रभारी सुनीता देवी, सेठ रामगुलाम मुनेश्वर प्रसाद प्रभारी शुभम कुमार, एनसीसी प्रभारी व चीफ प्रॉक्टर दुर्गेश कुमार, सीनियर क्लास प्रभारी उमेश चंद्र,वाहन प्रभारी सुनील कुमार, सुपरवाइजर चौधरी विभोर सिंह, विद्या दया कल्याणम करोति,रीता चिकित्सा सेवा केंद्र,मनोज छात्र कल्याण अकादमी,मेदांता मोशंस पिक्चर्स एंड एडवरटाइजिंग के प्रभारी, छात्र-छात्राएं अभिभावक एवं अध्यापक अध्यापिकाएं उपस्थित रहे |