*गगोंह सहारनपुर*
गंगोह गीता ज्ञान संस्कार एकेडमी में गीता जयंती के अवसर पर हिंदी की अध्यापिका अजंना शर्मा व मयूरी गर्ग ने कहा कि गीता में इतनी शक्ति है कि कुरुक्षेत्र में जब अर्जुन अपनों को देखकर युद्ध लड़ने से पीछे हट गए थे तो कृष्ण ने गीता के उपदेश देकर उन्हें सही अच्छे और बुरे, पाप-पुण्य का अंतर समझाया। जिसके बाद अर्जुन ने युद्धभूमि में जीत हासिल की थी।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाचार्य संजय गुप्ता, पूजा सिंह, प्रवीण धीमान, आशीष भारद्वाज ने श्रीकृष्ण व मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया। उन्होंने छात्रों को उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने और उचित परिप्रेक्ष्य में मानवता की सेवा करने के लिए गीता के उपदेशों का पालन करने की जानकारी दी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि छात्रों को बेहतर और समग्र जीवन पाने के लिए गीता द्वारा दिखाए गए मार्ग को अपनाना चाहिए। रविन्द्र शर्मा, अंजना शर्मा व जितेंद्र कुमार ने विद्यार्थियों को गीता श्लोक उच्चारण कराया। बताया कि हिदू धर्म के पवित्र ग्रंथ गीता की उत्पति मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी के दिन धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के मैदान में भगवान श्री कृष्ण ने की थी। गीता की उत्पत्ति के इस दिन को गीता जयंती के तौर पर मनाया जाता है। अंजली गर्ग व मयूरी गर्ग ने बताया कि गीता के उद्देश्यों व नियमों का पालन करके हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। छोटे-छोटे बच्चों ने कठिन श्लोक बोलने की बहुत अच्छी कोशिश की जो की एक सराहनीय कदम माना गया। छात्र धन्य गर्ग, प्रणव, आराध्या, आरजू, कनिका, आन्या आदि ने बताया कि गीता जयंती के दिन श्रीमद्भागवत गीता का पाठ संपूर्ण देश में किया जाता है। श्रीमद्भागवत गीता में 18 अध्याय हैं। जिनमें छह कर्म योग, छह ज्ञान योग और आखिर के छह अध्याय भक्ति योग पर आधारित है। इस मौके पर अनुज गुप्ता, सीमा, अनुराधा, दिव्या, विशाल, प्रविंद्र, अनिरूद्ध, शालू, अनिता, विकास सैनी, अन्नू, रूपा वर्मा, निधि शर्मा, मीनाक्षी, आबांली, रेशू गोयल, वंदना, राखी, रेनू आदि मौजूद रहे।