विधानसभा चुनाव में झटका लगने के बाद रालोद ने संगठनों के पेंच कसने की कवायद शुरू कर दी है। रालोद अध्यक्ष चौ. जयंत सिंह ने प्रदेश संगठन के साथ-साथ जिला तथा सभी फ्रंटल संगठनों को भंग कर चुनाव परिणामों की समीक्षा के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है।
फैसले से इस कारण मची खलबली
सोमवार को रालोद के ट्विटर हैंडल से राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. जयंत सिंह ने ट्वीट कर संगठनों को भंग करने की जानकारी दी। प्रदेश, क्षेत्रीय, जिला मुख्य संगठन व किसान प्रकोष्ठ, चिकित्सक प्रकोष्ठ, अल्पसंख्यक वर्ग प्रकोष्ठ, पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ, अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ, पंचायत प्रकोष्ठ, शिक्षक प्रकोष्ठ, युवा प्रकोष्ठ आदि फ्रंटल संगठनों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है। रालोद के राष्ट्रीय कार्यालय प्रभारी समरपाल सिंह ने इसकी पुष्टि की है। उधर, इस फैसले से पार्टी में खलबली मची है। कई निवर्तमान पदाधिकारियों को नई कार्यकारिणी में जगह न मिलने का डर सताने लगा है।
तीन सदस्यीय समिति गठित
चुनाव परिणामों की समीक्षा के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है। इसमें पूर्व विधायक एवं रालोद के राष्ट्रीय महासचिव राजेंद्र शर्मा, अश्वनी तोमर व जैनेंद्र नरवार शामिल हैं। ये प्रत्याशियों व कार्यकर्ताओं से संवाद कर अपनी रिपोर्ट चौ. जयंत सिंह को सौंपेंगे।
मिलीं कुल आठ सीट, बागपत में सिर्फ एक
माना जा रहा है कि उम्मीद के मुताबिक विधानसभा चुनाव में परिणाम नहीं आने पर संगठनों को भंग किया गया है। रालोद ने 33 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन आठ सीटों पर जीत मिली। रालोद बागपत में तीन में दो सीट हार गई थी