
विष्णु सिकरवार
आगरा। उक्त बात यहां आयोजित वालीबाल प्रतियोगिता में आए अंतराष्ट्रीय वालीबाल खिलाड़ी अजय भदौरिया ने उस समय कही जब उनसे पूछा गया कि वालीबाल संघ और सरकार के मध्य समन्वय न होने से खेल और खिलाड़ी पर क्या असर पड़ रहा है।
अजय भदौरिया का कहना था वो 15 बार राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश से खेला। इंडो श्रीलंका सीरीज खेला मगर देश का तीसरा अटेकर होने के बाद भी भारतीय टीम में तय होने के बाद भी चयन नहीं हो सका तब के समय का हाल जो मेरा था आपके सवाल का उत्तर है। श्री भदौरिया ने बताया कि फेडरेशन जब दो वर्ग में है तो सरकार ने खेलो इंडिया जैसे प्रयोग किए। जिनका प्रतिफल ही ओलंपिक में मिली सफलता उदाहरण है। वे महिला वालीबाल के उत्थान को लेकर नहीं प्रयास किए जाने पर चिंता जताई। श्री भदौरिया ने नई पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि खेल को खेल के रूप में ग्रहण करें तभी आप अपना हित कर सकेंगे। उन्होंने लोकल स्तर पर आयोजनों के गिरते स्तर के लिए खेल की राजनीति को दोषी मानता हूं। उन्होंने खिलाड़ियों के अंदर बढ़ते पैसे के प्रति आकर्षण को भी दोषी ठहराया। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी वालीबाल को उचित आयाम न मिलने पर चिंता जताई।