बिखरते दम्पति जीवन को जोड रही माण्डवी मिश्रा
नैमिष टुडे
अभिषेक शुक्ला
सीतापुर । अग्नि को साक्षी मानकर सात जनमो तक साथ निभाने का वादे के साथ एक दूसरे से दंपति परिणाय सूत्र मे हमेशा हमेशा के लिये बधकर जीवन की गाडी से खुश होकर सफर करने वाले दम्पति कुछ समय बाद भरोसे की रस्सी किसी न किसी कारणो से टुटकर एक दूसरे से दूर चले गये पति पत्नी के आपस के मदभेदो को समाप्त कराकर जीवन के सफर की न,ई शुरुआत मे अहम भूमिका निभा रही है माण्डवी मिश्रा । सेवा ही धर्म है वाक्य को जीवन का उद्देश्य बनाकर माण्डवी मिश्रा ने समाजसेवा का रास्ता चुना है और विभिन्न समाजिक समीतियों के साथ साथ सीतापुर पुलिस लाइन के परिवार परामर्श केन्द्र पर समाजसेवी के तौर पर काउसलिंग करती है विगत एक वर्षो मे दो सैकडा से ऊपर पति पत्नी के आपसी मदभेदो को काउंसलिंग से दूर करके इन दंपतियों के बेनूर जीवन मे चांद का नूर वापस करके उन्हे इस वर्ष करवा चौथ का व्रत रखने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । अटरिया कस्बे की मूल निवासी मांडवी मिश्रा कहती है कि पति पत्नी ही नही परिवार के किसी भी सदस्य मे मतभेद हो तो वह उसकी काउंसलिंग करती है बहन भाई या बाप बेटे का विवाद हो और उन्हे जानकारी मिले तो वह वहा पहुचकर बिना किसी शुल्क के काउंसलिंग करती है । परिवार को समझती और टूटने से बचाती है मांडवी मिश्रा करीब पांच वर्षो से समाजसेवा के क्षेत्र मे है इन पांच वर्षो मे वह करीब चौदह.सौ परिवारों की काउंसलिंग कर चुकी है।