इस बार भारतीय जनता पार्टी की झोली में हर वर्ग को वोट आए। महिलाएं मोदी-योगी के शासन व गरीबों के राशन पर प्रभावित दिखीं तो किसानों पर सम्माननिधि सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं का जादू चला। भारतीय जनता पार्टी के 50.08 प्रतिशत मतों में किसानों की बड़ी भागीदारी रही।
किसानों के लिए कम नहीं है ये रकम
सिंचाई, खेतों की जुताई और खाद के लिए प्रतिवर्ष छह हजार रुपये की रकम कम नहीं होती है। मध्यम वर्गीय किसानों को निश्शुल्क राशन मिल जाए और उसके ऊपर से छह हजार रुपये खेती-किसानी के लिए मिल जाए तो किसानों की आधी समस्या तो वैसे ही दूर हो जाएगी।
किसानों को प्रति वर्ष मिल रहे छह हजार
पिछले तीन वर्षों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार गोरखपुर जिले के किसानों को प्रतिवर्ष छह हजार रुपये की सम्मान निधि देती आ रही है। तीन वर्षों में जिले के 5.24 लाख किसानों के खातों में 835.004 करोड़ रुपये की सम्मान निधि भेजी जा चुकी है।
क्या कहते हैं लोग
- बनभागलपुर गांव की निवासिनी राजमती मौर्य कहती हैं कि सरकार ने प्रति वर्ष दो-दो हजार रुपये की तीन किस्तें दी हैं। एक अप्रैल से 31 जुलाई के बीच किसानों के खातों में पहली किस्त, एक अगस्त से 30 नवंबर तक दूसरी और 1 दिसंबर से 31 मार्च के बीच तीसरी किस्त आ जाती है। यह वह मौका होता है, जब किसानों को रुपयों की विशेष जरूरत होती है। उस वक्त यह छह हजार रुपये की धनराशि किसानों के लिए बड़ी मददगार साबित होती है।
- सुरस गांव के संतराज का कहना है कि सरकार की यह छोटी निधि किसानों के लिए बड़े काम की है। इससे एक वर्ष तक की खाद-बीज की जरूरत पृरी हो जाती है। इसके चलते अधिकांश किसानों का वोट भाजपा को मिला है।
- तेनुआ विसम्भरपुर के भोले नाथ गुप्ता कहते हैं कि किसान को असली चिंता उसके फसलों की रहती है। वर्ष भर में मिलने वाली छह हजार रुपये की सम्मान निधि से खेती की तमाम जरूरतें पूरी हो जाती हैं।
- खजुरगावा पंडितपुर निवासी रामजी साहनी का कहना है कि सम्मान निधि से मिलने वाली राशि से किसान अपने खेतों की सिंचाई कर लेता है। यह सम्मान निधि किसानों के लिए बेहद उपयोगी है।