
मिश्रित/ सीतापुर जनपद सीतापुर के ग्राम रामनगर खटकरी निवासी अक्षय ऊर्जा वैज्ञानिक डा. राम बक्स सिंह का जन्म वर्ष 1925 को एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था । उन्होंने 1963 में एशिया इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा प्राप्त किया । तथा 1979 में वेस्टन यूनिवर्सिटी केलोफोर्निया से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की परा स्नातक डिग्री प्राप्त करने के उपरांत उनको अक्षय ऊर्जा में अनवरत शोध हेतु मानद उपाधि प्रदान की गई थी । संपूर्ण शिक्षा अवधि के दौरान उनका उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा । उन्होंने भारत वर्ष ही नहीं अपितु 15 देशो में अक्षय ऊर्जा का परचम लहराया हैं । उन्होंने गोबर गैस से मीथेन गैस के उत्सर्जन करने की संरचना विषय पर शोध कार्य करते हुए ख्याति अर्जित की थी । और 1986 में भारत सरकार के मंत्रिमंडल राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली ,1964 में प्रधानमंत्री सचिवालय द्वारा उनके कार्यों और शोध की सराहना की गई थी । वर्ष 1950 में उन्होंने एक बायोगैस गोबर गैस प्लांट डिजाइन डिजाइन किया । जिसका प्रथम प्लांट 9 सितंबर को जनपद सीतापुर के ग्राम रामनगर खटकारी में स्थापित किया गया था । इसका उद्घाटन तत्कालीन सामुदायिक विकास मंत्री भारत सरकार एसके डे द्वारा किया गया था । 1960 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित एशिया के पहले गोबर गैस रिसर्च स्टेशन अजीतमल इटावा उत्तर प्रदेश के श्री सिंह ने अनुसंधान एवं संचालन का कार्य किया । उन्होंने लग भग दो दशक तक उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन इसके प्रभारी अधिकारी भी रहें । उन्होंने गोबर गैस प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत पर सात पुस्तकें भी लिखी । यह पुस्तके भारत यूएस लाइब्रेरी आफ कांग्रेस वाशिंगटन एवं अन्य देशों में अनुमोदित हैं। विश्वविद्यालय में आज भी पढ़ाई जाती हैं । दिनांक 18 सितम्बर 2016 को अक्षय ऊर्जा के महान वैज्ञानिक हम लोगों के बीच नहीं रहे उन्होंने अपनी अंतिम सांस लखनऊ में ली । परंतु उनकी खोज आज पूरे विश्व में उनका नाम अमर कर रही है । जिससे पूरे विश्व में जनपद सीतापुर का नाम रोशन हो रहा है ।