सीता रसोई गौशाला में भयंकर दुर्दशा से गोवंशो की हो रही मौत प्रशासन कर रहा लीपापोती

 

नैमिष टुडे
अभिषेक शुक्ला

कमलापुर सीतापुर के विकास खंड कसमंडा की ग्राम पंचायत सीतारसोई में बने अस्थाई गौशाला में लगभग एक दर्जन गोवंशों के मरने की लगभग सुबह 6:00 बजे जानकारी हुई। प्राप्त जानकारी के अनुसार मीडिया कर्मियों व कुछ हिंदू संगठनों के लोगों ने घटनास्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया। तो मौके पर दो गोवंश मृत पाए गए जिनको देख कर लगता था यह गोवंश कई दिन पूर्व मृत हुए हैं मृत गोवंशों के अंग प्रत्यंग विक्षिप्त थे। और वहीं पर लगभग आधा दर्जन गोवंश मरणासन्न स्थिति में पड़े थे जिनके जीवित रहते कौऔं द्वारा नोचा जा रहा था । आंखें फोड़ कर गायब हो चुकी थी। कुछ मृत गोवंश एवं मरणासन्न गोवंश गौशाला परिसर से बाहर भी फेक दिए गए थे। जिसका मीडिया बन्धुओं व ग्रामीणों ने वीडियो फोटो भी बनाया है। इस भयंकर अत्याचार को देखकर हिंदू संगठनों सहित ग्रामीणों में काफी आक्रोश व्याप्त हुआ। जिसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई। जिसकी सूचना मिलते ही पशु चिकित्सक अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर कमजोर गोवंशों का इलाज शुरू कर दिया। लेकिन उच्चाधिकारियों ने अपनी मठाधीसी कार्यशैली के चलते घटनास्थल का निरीक्षण करना उचित नहीं समझा। विकासखंड मुख्यालय से लगभग 10:30 बजे पंचायत सचिव पहुंचे एवं लगभग 12:00 बजे खंड विकास अधिकारी कसमंडा ,ए पी ओ चंद्र प्रकाश, ए डी ओ पंचायत ओमेंद्र पाल पाल सिंह घटनास्थल पर पहुंचे।गांव के लोगो का कहना है कोई भी केयरटेकर गौशाला में नहीं रुकता है। इस गौशाला में चार केयर टेकर कार्यरत है। जो रात में यहां पर रह रहे गौ वंशो को बाहर निकाल देते है और किसानों की फसल को चर कर नुकसान पहुंचा देते है तथा यहां पर प्रधान और सचिव द्वारा चारा भूषा पानी साफ सफाई आदि की कोई व्यवस्था नहीं की जाती है। जिससे आए दिन यहां जानवर मर जाते है। मृत गोवंशों को डाले में भरकर मछलियों के भोजन के लिए तालाबों में फिकवाया जाता है। मौके पर गौशाला में बने कमरे में अंश मात्र भूसा पाया गया। शासन तक जानकारी पहुंचने के भय से आनन फानन में हरा चारा पिकअप द्वारा मंगवाकर जानवरो को खाने के लिए दिया गया। वही पर ब्लॉक के अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा मृत शवो को बिना पोस्टमार्टम के गड्ढा खोदवा कर दफना दिया गया। मृत गोवंशों की भूख से तड़प तड़प कर मौत हुई है। जबकि डॉक्टर द्वारा बीमारी के चलते गोवंशों को मृत बताया जा रहा है। कोई लिखित पुष्टि नहीं की गई। पंचायत सचिव द्वारा बताया गया वर्तमान में 210 गोवंश पंजीकृत हैं लेकिन मौके पर लगभग 150 गोवंश ही गौशाला में उपस्थित थे। गौशाला में क्षमता से अधिक जानवर होने के कारण यह स्थिति होती है। कई बार लिखित प्रार्थना पत्र के द्वारा उच्च अधिकारियों को अवगत करा चुका हूं। लेकिन उच्च अधिकारियों द्वारा कोई प्रतिक्रिया नहीं की जाती है इस मामले को लेकर जब कसमंडा ब्लॉक के वीडियो मनोज कुमार शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत मैंने उच्च अधिकारियों से लिखित में की है वहां से जैसा आदेश आएगा वैसी कार्यवाही करूंगा इससे साफ साबित होता है कि विकासखंड मुख्यालय से लेकर जिला मुख्यालय तक के अधिकारियों द्वारा सरकार की मंशा को पलीता लगाया जा रहा है क्या उच्च अधिकारी इस मामले को संज्ञान में लेंगे या गुलाबी नोटों के आगे मामले को रफा दफा कर दिया जाएगा यह एक सोचनीय विषय है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

नमस्कार,नैमिष टुडे न्यूज़पेपर में आपका स्वागत है,यहाँ आपको हमेसा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे 9415969423 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें
%d bloggers like this: