जांच अधिकारी ने मुख्यमंत्री सहित उच्चाधिकारियों को धता बताकर किया लीपा-पोती!
फर्जी जांच आख्या लगाकर पुलिस पत्रकार प्रकरण मामले में कर दी बड़ी लापरवाही!
पत्रकार के बिना बयान लिए कर दिया शिकायत का फर्जी निस्तारण, जांच अधिकारी पर उठे सवाल!
नैमिष टुडे
अभिषेक शुक्ला
सीतापुर।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी भले ही पत्रकारों के साथ सम्मान से बात करने के लिए कह रहे हों लेकिन नौकरशाही ने उनकी और सरकार की छबि धूमिल करने में कोई कोर कसर नहीं छोड रहे हैं और सरकार विरोधी कार्य करके अपना कार्य कर रहे हैं।प्राप्त जानकारी के अनुसार कोतवाली नगर क्षेत्र के अंतर्गत जेल गेट चौकी का मामला सामने आया है जहां 29 मई 23 को अपने रिस्तेदार के साथ जिला कारागार को मुलाकात करने गए लखीमपुर खीरी के पत्रकार एपी सिंह के साथ जेल गेट चौकी पुलिस कर्मियों ने गलत व्यवहार किया और उनके रिस्तेदार की मोटरसाइकिल का भारी भरकम चालान कर दिया जिसकी शिकायत पीड़ित पत्रकार ने मुख्यमंत्री की जनसुनवाई पोर्टल पर ऑनलाइन की थी जिसका संदर्भ संख्या 40015423034113 है।मामले की जांच तानसेन गंज चौकी प्रभारी उग्रसेन सिंह को दी गई थी।जांच अधिकारी ने जांच में बड़ा खेल खेला और जेल गेट चौकी पुलिस को जांच में अभयदान देकर शिकायत कर्ता और उसके रिस्तेदार को ही दोषी करार दे दिया।अब पत्रकार एपी सिंह ने पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल उठाए हैं और जिस मामले में चौकी पर तैनात पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई होना चाहिए था उसमें जांच अधिकारी ने अभयदान दे दिया और जांच अधिकारी की फर्जी जांच से उच्चाधिकारियों पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज शिकायतों को उच्चाधिकारियों और मुख्यमंत्री को फर्जी निस्तारण की आख्या दी जा रहीं हैं।पीड़ित पत्रकार का कहना है कि मेरे बयान भी पुलिस के द्वारा नहीं लिए गए।एपी सिंह संवाददाता जो अपने रिस्तेदार के साथ जिला कारागार को मुलाकात करने गये थे।जहां गाड़ी की लाक खुली रहने पर चौकी पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने गाड़ी को खिंचकर जेल गेट पर खड़ी कर ली थी।मुलाकात के बाद जब सभी लोग बाहर आए तो गाड़ी पुलिस चौकी पर खड़ी थी जिसको लेने के लिए पत्रकार ने चौकी पर मौजूद पुलिस कर्मियों से कहा और परिचय देते हुए सीतापुर के मान्यता प्राप्त पत्रकार एवं पत्रकार संघ के महामंत्री से बात कराई जिसके बाद पुलिस कर्मियों ने गाड़ी की समस्त जानकारी ली और जब पत्रकार अपने रिश्तेदार अंकित सिंह के साथ जाने लगे तो मौजूद पुलिस कर्मियों ने पत्रकार से गलत व्यवहार किया जिसका पत्रकार ने विरोध किया तो चौकी पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने कहा कि यहां कोई नौकर नहीं लगाया गया है जो मोटरसाइकिल की रखवाली करे अगर किसी की गाड़ी की लाक खुली रह जाएगी तो उसका चालान किया जाएगा चाहे वह पत्रकार हो या कोई और हो नियम सभी के लिए बने हुए हैं।पीड़ित पत्रकार ने अब पुलिस अधीक्षक सीतापुर को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच करवाने की मांग उठाई है।