सीतापुर हरदोई मार्ग पर बने हजारों गड्ढे कांवडियों की डगर कर सकते है कठिन । 

सीतापुर हरदोई मार्ग पर बने हजारों गड्ढे कांवडियों की डगर कर सकते है कठिन ।

श्रवण कुमार मिश्र मिश्रित ।

 

मिश्रित सीतापुर / महर्षि दधीच की पावन तपो भूमि कस्बा मिश्रिख व अट्ठासी हजार ऋषि-मुनियों की पावन तपोवन कस्बा नैमिषारण्य में बीते मंगलवार से कावड़ यात्रा शुरू हो रही हैं । प्रदेश के धर्म निष्ठ मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलों के जिलाधिकारियों को कड़े निर्देश किए हैं । कि कांवड़ यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं होनी चाहिए । प्रशासन द्वारा इन श्रद्धालुओं की सभी व्यवस्थाएं पहले से चाक-चौबंद करने के कड़े निर्देश जारी किए गए हैं । परन्तु सीतापुर हरदोई मार्ग पर नैमिषारण्य से लेकर रामकोट तक रोड काफी क्षतिग्रस्त है । लग भग 1000 हजार से ऊपर जानलेवा गड्ढे बने हुए हैं । जिनमें आए दिन लोग गिरकर हादसे का शिकार हो रहे हैं । तमांम जन शिकायतों के बावजूद आज तक इस मार्ग के लोक निर्माण विभाग व्दारा नहीं कराया जा सका है । जब कि यह मार्ग काफी समय से फोरलेन बनने के लिए तैयार हो रहा था । लेकिन आज तक इस मार्ग का कायाकल्प नहीं हो सका है ।

श्रावण मांस को लेकर श्रद्धालु गंगा जी के राजघाट व मेहंदी घाट से कांवर भरकर छोटी काशी गोला गोकर्ण नाथ व सीतापुर के श्यामनाथ मंदिर को कांवड चढाने इसी रोड से लाखों की संख्या में श्रद्धालु जाते हैं ।

नैमिषारण्य के आदि गंगा गोमती नदी के राजघाट व देवदेवेश्वर घाट एवं रूद्रावर्त घाट से श्रद्धालु जल भर कर छोटी काशी गोला गोकर्ण नाथ व श्यामनाथ मंदिर सीतापुर को इसी रास्ते से जाते हैं ।

इन कांवडियों की कांवड यात्रा कई तरह की संकल्पित होती हैं । जिसमें डाक कावड़ में श्रध्दालुओं का जल भरते समय संकल्प बोला जाता है । कि वह रास्ते में कहीं न रुककर पैदल दौड़ते हुए नियत समय पर संकल्पित महादेव के स्थान पर कांवड़ चढ़ाते है । दूसरी कांवड़ झूला कांवड़ होती है । जो लोग कंधे पर डालकर झुलाते हुए ले जाते हैं । और अगर रास्ते में कहीं रुकना चाहते हैं । तो कांवड़ को झुलाकर रोंक सकते है । तीसरी कांवड़ फूल कांवड़ होती है । जो फूल और गंगाजल को हांथ पर लेकर श्रद्धालु पैदल यात्रा करते हुए महादेव के अस्थान तक जाकर अपनी कांवड चढ़ाते है । चौथी कांवड़ बैकुंठी कांवड़ कही जाती है । जिसे श्रध्दालु कहीं भी झूला कर रुक सकते है ।

सीतापुर हरदोई मार्ग पूरी तरह से जर्जर एवं गड्ढा युक्त होने के कारण वाहनों से चलना लोगों को दूभर हो रहा है । आए दिन इस सड़क पर हादसे हो रहे हैं । इस रोड पर बिना जूता , चप्पल के पैदल कैसे चलेंगे कांवरिया बहुत कठिन डगर नजर आ रही है ।

 सीतापुर हरदोई मार्ग बीते 9 वर्षों से फोर लेन बनाने की कार्य योजना तैयार की गई है । परन्तु यहां के सांसद और विधायक की उदासीनता के चलते यह मार्ग पूरे 9 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक फोरलेन के रूप में तब्दील नहीं हो पाया है । जिससे लोक निर्माण विभाग भी इस पर कोई कार्य कराना उचित नहीं समझ रहा है ।

कस्बा मिश्रित और नैमिषारण्य में तो रोड लाइट के प्रकाश की व्यवस्था हैं । परंतु नगर के बाहर सीतापुर तक रोड पर कोई प्रकाश की ब्यवस्था नही है । इस रोड पर 24 घंटे लाखों श्रध्दालु चलते है । इस रोड पर बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण श्रध्दालुओं को पैदल चलने में जहां काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है । वहीं हादसे का शिकार भी हो सकते है ।

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