सीतापुर जी0जी0आई0 कमलापुर सीतापुर में नर्स डे के अवसर पर कक्षा 6 से 12 तक बालिकाओं के साथ शिव नाडर फाउंडेशन के शिक्षा समृद्धि कार्यक्रम के अंतर्गत नर्स दिवस मनाया गया। जिसमे नर्सिंग प्रोफेशन के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए बताया गया कि नर्सिंग स्टाफ के बिना गंभीर रोगियों का इलाज/उपचार असंभव है। चिकित्सक के साथ एक नर्स रोगियों के देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ऐतिहासिक पक्ष की चर्चा करते हुए बताया गया एक नाइटिंगेल नाम की अंग्रेज महिला थी जो रोगियों की युद्ध के दौरान मदद करने से चर्चा मे आईं और नर्सिंग प्रोफेशन अस्तित्व में आया। नर्स के साथ-साथ वह एक समाज सुधारक भी थीं. क्रीमिया युद्ध के दौरान उन्होंने जिस तरह से काम किया था, उसकी सराहना आज तक होती थी। नाइटिंगेल ‘द लेडी विद द लैंप‘ के नाम से भी जानी जाती हैं, क्योंकि वो रात के अंधेरे में लैंप लेकर घायल सैनिकों का इलाज करने के लिए निकलती थीं।
विश्वयुद्ध के दौरान भी यह पेशा खूब चर्चा में रहा है। चिकित्सा संस्थानों में जब मरीज स्वस्थ होते हैं तो डॉक्टर को जी भर कर दुआएं देते हैं, लेकिन उन दुआओं की हकदार डॉक्टरों के साथ-साथ वह नर्सें भी होती हैं जो दिन रात उनकी देखभाल करती हैं और उन्हें स्वस्थ कर वापस घर भेजती हैं। नर्सों के योगदान और उनके महत्व का जश्न मनाने के लिए हर साल 12 मई को ‘अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस‘ मनाया जाता है। इंटरनेशनल काउंसिल आफ नर्स ने 2023 की थीम श्हमारी नर्सें हमारा भविष्यश् रखा है।
कार्यक्रम में शामिल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कसमंडा सीतापुर की नर्सों प्रतिभा श्रीवास्तव और विनीता ने बालिकाओं को नर्सिंग कोर्सेज और यह कहां कहां से कर सकते हैं के बारे मे विस्तार से अवगत कराया, कई लड़कियों ने इस पेशे में आने की बात कही कार्यक्रम का उद्देश्य नर्सिंग प्रोफेशन के प्रति जागरूक करना था जो पूर्ण हुआ।
इस अवसर पर सभी ने नर्सों के कोविड-19 के दौरान योगदान के लिए धन्यवाद दिया और उपस्थित नर्स बहनों बुके आदि भेंट कर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त किया।
यह कार्यक्रम जीजीआईसी कमलापुर और शिव नाडर फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया जिसमे 400 बालिकाओं ने सहभाग किया। कार्यक्रम का संचालन सचल किरण वैन के माध्यम से शिव नाडर फाउंडेशन के प्रतिनिधियों दीप्ति, दीनानाथ, विजेंद्र, सोनाली, प्रिंस और प्रिंसिपल मिलन देवी, शिक्षक सुमन देवी आदि ने किया।