सहार/चौमुंहा
कड़कड़ाती ठंड में विधवाओं को नहीं मिले कंबल प्रधानपति की मनमानी से विधवा हुई परेशान
मथुरा जनपद के तहसील गोवर्धन के अंतर्गत चौमुंहा विकासखंड के ग्राम सहार मैं नहीं मिले कम्बल प्रधानपति विनोद सुनार ने विजय जाटव की मां को नही मिला कंबल और कहा कि तूमने मेरे को वोट नही दिया था तुम लोगो ने पूर्व प्रधान अजमल शेख को वोट दिया था उसी से जाकर कम्बल मागों मै तुम लोगो को कम्बल नही दूंगा बर्फी देवी ने बताया कि मेरा मकान नेट पर बोल रहा था वो भी इस प्रधानपति विनोद सुनार ने कटवा दिया है हमको कोई सरकारी योजना नही मिल रही है द्रोपा देवी ने कहा कि मेरे पति को मरे करीब 11 साल हो गए है परंतु मेरी पेंशन आज तक नही बधी है जब मैं प्रधानपति विनोद सुनार के पास जाती हु तो उसका लड़का भोले मेरे को फटकार कर भगा देता है श्याम जाटव ने बताया कि जटावो की लिए कोई सुनवाई नही हो रही भाजपा शासन मैं अमीर लोगों की सुनवाई हो रही है मुन्नी देवी ने बताया कि मेरे को अजमल प्रधान की समय मै जरूर कम्बल मिले थे परंतु प्रधान पति विनोद सुनार ने मुझे कोई कम्बल नही दिया है और प्रधान पति विनोद सुनार ये कहकर भगा देता है को तुमने मेरे को वोट नहीं दिया । गुड्डी देवी ने बताया कि हमने कुछ समय पहले अपना आय प्रमाण पत्र बनने के लिए डाला था प्रधान पति विनोद सुनार ने लेखपाल रामबाबू से मना कर दिया की वो यहां नही रहता है हमारे पति कमाने के लिए फरीदाबाद चले जाते हैं इसलिए हमारा आज तक आय प्रमाण पत्र बनने नहीं दिया है हमें आज तक शौचालय भी नहीं मिली है हम अपनी कई परेशानी को लेकर इस प्रधानपति विनोद सुनार से बहुत ज्यादा परेशान हैं गरीबों को कोई भी सरकारी योजना का लाभ आज तक नहीं मिला है जाटव समाज के लोगो ने आरोप लगाया है कि कई प्रशासनिक अधिकारियों और प्रधानपति विनोद सुनार को कई बार अवगत करा दिया है प्रधानपति अपनी हेकड़ी मैं रहता है और कहता है कि मेरी इसी तरह से चलेगी तुम लोगों पर जो किया जाए वह कर लो बता दें कि शहर में एक प्रतिष्ठित वैश्य समाज के व्यक्ति की तूती बोलती रहती है उसके इशारे पर ही यह सब घटना को अंजाम दिया जाता है बता दें कि उक्त वैश्य समाज के प्रतिष्ठित महानुभाव जिन पर जिले के प्रमुख नेता का हाथ है वह चाहे जैसे शासन व् प्रशासन को चलाने की धमकी देते हैं वह मीडिया से भी अपना रौब झाड़ने से बाज नहीं आते अब देखना होगा कि इन गरीब लोगों को उनका सम्मान और हक मिलता है या फिर नेता नगरी के सामने शासन व प्रशासन नतमस्तक होता है या प्रधानपति विनोद सुनार की मनमानी यूं ही चलती रहेगी या अधिकारीगण इसे संज्ञान में लेकर प्रधानपति के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई करेगा।