भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी विकासखंड पहला की ग्राम पंचायत चांदपुर सेठ

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी विकासखंड पहला की ग्राम पंचायत चांदपुर सेठ

सवाददाता सुधीर कुमार मिश्रा

पहला सीतापुर विकासखंड पहला के अंतर्गत चांदपुर सेठ में आप देख सकते हैं नाली संपर्क मार्ग पेयजल शौचालय पंचायत भवन की हकीकत साफ सफाई की लोगो को काफी परेशानी है ग्रामीणों ने बताया कि सफाई कर्मी नही आता है गांव की सफाई नही होती है ग्रामीणों के अनुसार 1लाख30 हजार रुपए हैंडपंप रिबोर के निकाले गए है लेकिन ग्राम पंचायत में एक भी नल रिबोर नहीं हुआ है और ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत से सारा पैसा निकाल लिया गया है वहीं अगर हम बात करें ग्राम पंचायत चांदपुर सेठ में बने पंचायत भवन की तो पंचायत भवन नया जरूर है लेकिन पंचायत भवन की खिड़कियां गायब हैं वही कंप्यूटर सिस्टम गायब है लाइब्रेरी भी नहीं है एक तरीके से अगर माना जाए तो पंचायत भवन में कुछ भी नहीं है वही जब पंचायत सहायक से बात की गई तो उसने बताया कि हमको यहां पर किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं दी गई है हम दूसरे का लैपटॉप मांग कर ग्रामीणों के काम करते हैं हमारा सिस्टम सचिव साहब ने अपने पास रख लिया है वहीं अगर लाइब्रेरी की बात करें तो आप देख सकते हैं कि लाइब्रेरी में कुछ भी नहीं है लाइब्रेरी सिर्फ नाम मात्र है ग्रामीणों के मुताबिक लाइब्रेरी कच्छ में भरा है कूड़ा वही ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत भवन पर कभी भी कोई अधिकारी या कर्मचारी नहीं आता है साथ ही साथ ग्रामीणों ने बताया कि सचिव विमलेश तिवारी कभी आते ही नहीं है अगर किसी का काम होता है तो उसे ब्लॉक जाना पड़ता है जिससे कि लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है अब हम अगर बात करें ग्राम पंचायत चांदपुर सेट में बने सामुदायिक शौचालय की तो सामुदायिक शौचालय को लेकर भी लोगों ने काफी आरोप लगाते हुए बताया कि सामुदायिक शौचालय कभी भी नहीं खुलता है केयरटेकर कभी नहीं आता है लेकिन घोटाला यहीं से शुरू हो जाता है कि जब सामुदायिक शौचालय सुचारु रुप से चालू ही नहीं है और सामुदायिक शौचालय में पानी की टंकी भी नहीं है और कोई कर्मचारी आता भी नहीं है तो फिर ₹63000 रुपए सामुदायिक शौचालय केयरटेकर के नाम पर ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव की मिलीभगत से क्यों निकाला गया वहीं अगर हैंड पंप की बात करें तो उन से निकलने वाले बेकार पानी के जाने के लिए भी नालियां नहीं बनाई गई है जिससे कि पानी भरा रहता है गांव में बीमारियों के फैलने की आशंका बनी रहती है क्योंकि गांव में नालियों की भी बहुत बड़ी समस्या है जिससे कि लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है हम अगर ग्राम पंचायत चांदपुर सेट में बने खेल मैदान की बात करें तो वह सिर्फ कागजों पर ही पूरा हुआ है लेकिन अगर जमीनी हकीकत देखी जाए तो खेल मैदान केवल नाम के लिए ही बना है

अब सवाल यह उठता है कि जब पंचायत भवन मे कंप्यूटर सिस्टम ,लाइब्रेरी,नही है और पंचायत भवन नया है तो फिर ग्रामीणों को देने वाली सारी सुविधाएं आखिर क्यों नहीं है जब सामुदायिक शौचालय खुलता ही नहीं है तो सामुदायिक शौचालय के केयरटेकर के नाम पर आखिर ₹63000 कहां गायब हो गए वही सवाल यह उठता है कि अगर खेल मैदान कागजों पर पूरा है तो धरातल पर क्यों नहीं और अगर गांव में सफाई कर्मी नहीं आता है तो उस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं। सवाल यह भी है कि अगर हैंडपंप रिबोर नहीं हुए तो ₹1लाख30000 रुपए कहां गायब हो गए

इस बाबत में जब सरकार के प्रतिनिधियों से जानकारी लेनी चाही तो सचिव बिमलेश तिवारी व ग्राम प्रधान दयाराम से तो उन्होंने कोई भी जानकारी देने से साफ साफ इंकार कर दिया।

अब सवाल यह उठता है कि अगर ग्राम पंचायत में घोटाला नही है तो फिर ग्राम पंचायत के जिम्मेदार प्रधान व सचिव कोई भी जानकारी देने से क्यों कतरा रहे हैं सवाल यह भी उठता है कि कहीं ना कहीं ग्राम पंचायत में घोटाला तो जरूर है

जनता की बात सरकार के साथ में देखें आखिर इन सब सवालों का जिम्मेदार कौन

अब देखना यह होगा कि इस पूरे मामले को अपने संज्ञान में लेकर जिम्मेदार अधिकारियोंं पर क्या कार्रवाई होती है या फिर यूं ही सरकार की मंशा पर करते रहेंगे गोलमाल

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