आंगनबाड़ी कार्यकार्तिओं की आर्थिक दुर्दशा पर भारतीय स्वाभिमान फाउंडेशन बेहद चिंतित

आंगनबाड़ी कार्यकार्तिओं की आर्थिक दुर्दशा पर भारतीय स्वाभिमान फाउंडेशन बेहद चिंतित

 

 

 

पवन सिकरवार

आगरा। समाजसेवी एवं भारतीय स्वाभिमान फाउंडेशन के जिम्मेदार संभावित पदाधिकारी गोपाल सिंह चाहर ने शासन प्रशासन स्तर में गंभीर रूप से व्याप्त भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा का साम्राज्य को देखकर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए शासन एवं प्रशासन में बैठे कर्तव्य विमुक्त घोर उदासीन एवं भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों का ध्यानाकर्षण कराते हुए अपने वक्तव्य में बताया कि बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी आगरा की उदासीनता के चलते आंगनबाड़ी कार्यकत्रीओ को अपना केंद्र चलाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सर्व विदित है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्तीओ को मात्र 5500 सौ रूपये मानदेय के रूप में मिलता है। दिनभर प्रतिदिन कमरतोड़ मेहनत कर अपनी सेवाएं देती है। मैं माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी एवं सम्बद्ध मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य जी का ध्यानाकर्षण करा रहा हूं कि उत्तर प्रदेश सरकार की हर एक योजना का सक्रिय हिस्सा होती है।आंगनवाड़ी जो सरकार की कमर की हड्डी के रूप में सरकार की हर योजनाओं को समाजिक पटल पर क्रियान्वित करती है।

चाहे चुनाव ड्यूटी, पोलियो अभियान, वक्सिनेशन इत्यादि कार्यक्रम हो, चाहे स्वास्थ्य विभाग के जागरूकता अभियान में रैली का हिस्सा बने। सरकार को आंगनवाड़ीयो का काम दिखाई नहीं देता लेकिन शासन प्रशासन के हर वो एक अधिकारी जो सत्ता का आंनद ले रहा हो वो आज भ्रष्टाचार की सरपरस्ती में आनंदित है।

आजतक शासन अथवा प्रशासन स्तर पर इन पीड़ितों के लिए समस्या समाधान केन्द्र नहीं बन पाया है, ना ही दिए गए कार्यकत्रियों के निवेदन पत्र पर सम्बन्धित ज़िला कार्यक्रम अधिकारी पर कोई कार्यवाही की जा रही है। जिले में पिछले अनेक वर्षों से आंगनवाड़ी का निधन हुआ निर्धारित बीमा भुगतान की फाइल को तनिक भी आगे नहीं बढ़ाया, केन्द्र का मनमानी निरीक्षण करते हुऐ खुले आम पैसों की मांग करना एवम कार्यकत्रियों के अभिलेख उठा ले जाना, मनमुताबिक रवैए से कार्यकत्रियों से बात करना, कई मुख्य सेविकाओं के कार्यालय स्तरीय सक्षम प्राधिकारियों द्वारा मानव संपदा पोर्टल पर अवकाश स्वीकृत होने के बाबत पैसों की मांग पूरी न होने के कारण वेतन की कटौती करना इत्यादि जिला कार्यक्रम अधिकारी के कृत्य हैं। प्रत्येक कदम पर जिला कार्यक्रम अधिकारी घूस लेने की चाहत अपने विभागीय कार्य के जिम्मेदारियों से वंचित होकर रखते हैं।

पुष्टाहार वितरण फर्म अपनी मनमानी तथा तमाम अनियमितताऐ जिला कार्यक्रम अधिकारी के संरक्षण में पनप रही है।

अपने से अधीनस्थों को वैचारिक मतभेद करने वाले ईमानदार अधिकारियों व कर्मचारीयों के ऊपर मिथ्या आरोप, कूट रचित अपने अधीनस्थों से दबाव बनाकर आरोपित पत्र लिखवाकर बिना साक्ष्य के कर्मचारियों को चिन्हित कर भ्रामक, स्वमनगढ़ित सूचना शासन को अथवा जनपद स्तरीय सक्षम अधिकारियों को गोपनीय रिपोर्ट में भेजकर तबादला अथवा शोषण करने की नियत भी रखते हैं। जबकि पूरे प्रदेश में सबसे बड़े दागी अधिकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी आगरा है।भारतीय स्वाभिमान फाउंडेशन की स्पष्ट मांग है शासन की और विभाग की छवि को धूमिल करने वाले आगरा में तैनात वर्तमान जिला कार्यक्रम अधिकारी के भ्रष्टाचार की जांच गंभीरता से कराते हुए आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का दर्द, निवेदन प्रत्यावेदित पत्रों पर आधारित न्यायहित में जनहित में

प्रभावी दंडात्मक विभागीय कार्रवाई करें।

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