
ऋषभ दुबे /नैमिष टुडे
कन्नौज। रक्षाबंधन के पावन पर्व पर सोमवार को जिला कारागार भावनाओं से सराबोर हो उठा। सुबह आठ बजे से ही सैकड़ों बहनें राखी और मिठाई लेकर अपने बंदी भाइयों से मिलने पहुंचने लगीं। जेल प्रशासन ने बहनों के लिए विशेष बैठने की व्यवस्था की थी। सुरक्षा के मद्देनज़र जेल पुलिस के साथ सिविल पुलिस भी मुख्य द्वार पर तैनात रही।
और वही जिला कारागार में सोमवार को रक्षाबंधन का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बारिश के चलते मुलाकात बहुउद्देशीय हॉल में आयोजित की गई। सुबह से ही राखी, मिठाई और भाई-बहन के अटूट प्रेम से भरे पल कारागार की दीवारों के भीतर गूंजते रहे।
इस अवसर पर 431 बहनों ने अपने 240 बंदी भाइयों की कलाई पर राखी बांधी और लंबी उम्र की दुआ मांगी। मुलाकात के दौरान 221 मासूम बच्चे भी अपने परिजनों के साथ मौजूद रहे।
जेल प्रशासन ने बहनों के लिए राखी, रोली, अक्षत, कलावा और मिठाई की व्यवस्था की थी। सुविधा के लिए जेल गेट पर मेडिकल कैंप भी लगाया गया। देर शाम तक आने वाली बहनों का राखी व टीका सामान एक लिफाफे में बंद कर उनके बंदी भाइयों तक पहुंचाया गया। बहनों की सहूलियत के लिए महिला उपकारापाल उर्मिला सिंह, उपकारापाल रामबहल दुबे और मुलाकात प्रभारी बद्रीप्रसाद की ड्यूटी लगाई गई। जेलर विनय प्रताप स्वयं सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करते रहे।
महिला बंदियों ने भी इस त्योहार में उत्साहपूर्वक भाग लिया। उन्होंने खुद के हाथों से सजावटी राखियां बनाकर जेल सुरक्षा कर्मियों, जेलर, डिप्टी जेलर और अधीक्षक भीमसैन मुकुंद की कलाई पर बांधीं। जेल अधीक्षक और अधिकारियों ने महिला बंदियों को शुभकामनाएं दीं।
जिला कारागार में बंद 518 भाइयों की कलाई पर आज रक्षा सूत्र बंधा। बहनों ने टीका लगाकर मिठाई खिलाई और भाइयों की लंबी उम्र तथा खुशहाल जीवन की कामना की। इस मौके पर केवल बहनों को ही मुलाकात की अनुमति दी गई, अन्य पुरुष रिश्तेदारों की मुलाकात स्थगित रही।
जेल के भीतर भावुक पल देखने को मिले। कुछ बहनों की आंखें भाई से मिलते ही नम हो गईं, तो कई भाई-बहन गले मिलकर देर तक सिसकते रहे। जेल प्रशासन ने पर्व को शांतिपूर्वक व व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए हर स्तर पर पुख्ता इंतजाम किए।
इसके अलावा छह पुरुष भी अपनी बहनों से राखी बंधवाने पहुंचे, जिनकी मुलाकात कराई गई। पूरे आयोजन के दौरान मुख्य गेट पर पुलिस और पीएसी बल तैनात रहा, जिससे त्योहार शांति और व्यवस्था के साथ संपन्न हुआ।