सीतापुर ,  सरकारी आदेश का अभिभावकों ने किया विरोध जिलाधिकारी*नैमिष टुडे संवाददाता एसपी शुक्ला सीतापुर, कार्यालय में सौंपा ज्ञापन 

सीतापुर ,  सरकारी आदेश का अभिभावकों ने किया विरोध जिलाधिकारी*

नैमिष टुडे संवाददाता एसपी शुक्ला सीतापुर, कार्यालय में सौंपा ज्ञापन 

किसान नेता पिंदर सिंह सिद्धू ने कहा जिला अधिकारी सीतापुर को ज्ञापन सौंप , विरोध दर्ज कर 

सरकार द्वारा जो आदेश जारी किया गया है, प्राइमरी स्कूलों में 50 से कम वाले स्कूल को एक दूसरे में मर्ज कर दिया जाएगा इससे अभिभावक बहुत दुखी है और इस आदेश से आम जनमानस बहुत भी बहुत ज्यादा चिंतित है, क्योंकि छोटे बच्चे एक दो तीन किलोमीटर कैसे स्कूल में पैदल चलकर पढ़ने जाएंगे , गांव के स्कूल में तो चले जाते थे, क्या मजबूरी है सरकार की जो सरकार को या कदम उठाना पड़ा ,

आपसे विनम्रता पूर्वक उत्तर प्रदेश के सभी अभिभावकों का निवेदन है ,प्राइमरी स्कूलों को एक दूसरे में मर्ज करने वाले आदेश को तत्काल निरस्त करें ताकि बच्चों का भविष्य में खराब हो ,और बच्चे जिस स्कूल में पढ़ रहे थे उसी में पढ़ें ,

किसान नेता साहित सभी अभिभावकों एक जुट होकर बेसिक शिक्षा अधिकारी से मुलाकात कर कहा, सरकार को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि आखिर क्या वजह है कि प्राइवेट स्कूलों में बच्चों का एडमिशन घटता जा रहा है पढ़ाई की गुणवत्ता और स्कूल की बिल्डिंगों की जांच कर सख्त कदम उठाने होंगे यह सही तरीके से गांव के स्कूल में पढ़ाई होने लगे तो कोई भी अभिभावक अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में नहीं भेजेगा मजबूरन अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए अच्छी पढ़ाई के लालच में अपनी मेहनत की गाड़ी कमाई से प्राइवेट स्कूलों में मोटी फीस जमा करके अपने बच्चों को पढ़ाई करवा रहे हैं,

यदि सरकारी स्कूलों में वही पढ़ाई और अच्छे से बच्चों की देखभाल हो तो कोई भी अभिभावक अपने बच्चों को गांव का स्कूल छोड़कर बाहर प्राइवेट स्कूल में पढ़ने नहीं भेजेगा, ज्ञापन देने वालों में मौजूद, प्रधान प्रतिनिधि मंजेश , सुशील सिंह, बिपिन सिंह, अभिजीत सिंह ,ज्ञानेन्द्र सिंह ,दुर्गानंद सिंह ,नैमिसराज सिंह ,आदि मौजूद रहे,किया विरोध जिलाधिकारी कार्यालय में सौंपा ज्ञापन ,,,,,,,,,,,

किसान नेता पिंदर सिंह सिद्धू ने कहा जिला अधिकारी सीतापुर को ज्ञापन सौंप , विरोध दर्ज कर

सरकार द्वारा जो आदेश जारी किया गया है, प्राइमरी स्कूलों में 50 से कम वाले स्कूल को एक दूसरे में मर्ज कर दिया जाएगा इससे अभिभावक बहुत दुखी है और इस आदेश से आम जनमानस बहुत भी बहुत ज्यादा चिंतित है, क्योंकि छोटे बच्चे एक दो तीन किलोमीटर कैसे स्कूल में पैदल चलकर पढ़ने जाएंगे , गांव के स्कूल में तो चले जाते थे, क्या मजबूरी है सरकार की जो सरकार को या कदम उठाना पड़ा ,

आपसे विनम्रता पूर्वक उत्तर प्रदेश के सभी अभिभावकों का निवेदन है ,प्राइमरी स्कूलों को एक दूसरे में मर्ज करने वाले आदेश को तत्काल निरस्त करें ताकि बच्चों का भविष्य में खराब हो ,और बच्चे जिस स्कूल में पढ़ रहे थे उसी में पढ़ें ,

किसान नेता साहित सभी अभिभावकों एक जुट होकर बेसिक शिक्षा अधिकारी से मुलाकात कर कहा, सरकार को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि आखिर क्या वजह है कि प्राइवेट स्कूलों में बच्चों का एडमिशन घटता जा रहा है पढ़ाई की गुणवत्ता और स्कूल की बिल्डिंगों की जांच कर सख्त कदम उठाने होंगे यह सही तरीके से गांव के स्कूल में पढ़ाई होने लगे तो कोई भी अभिभावक अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में नहीं भेजेगा मजबूरन अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए अच्छी पढ़ाई के लालच में अपनी मेहनत की गाड़ी कमाई से प्राइवेट स्कूलों में मोटी फीस जमा करके अपने बच्चों को पढ़ाई करवा रहे हैं,

यदि सरकारी स्कूलों में वही पढ़ाई और अच्छे से बच्चों की देखभाल हो तो कोई भी अभिभावक अपने बच्चों को गांव का स्कूल छोड़कर बाहर प्राइवेट स्कूल में पढ़ने नहीं भेजेगा, ज्ञापन देने वालों में मौजूद, प्रधान प्रतिनिधि मंजेश , सुशील सिंह, बिपिन सिंह, अभिजीत सिंह ,ज्ञानेन्द्र सिंह ,दुर्गानंद सिंह ,नैमिसराज सिंह ,आदि मौजूद रहे,

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