प्रतापगढ़ , श्रीमद्ग भागवत कथा के तीसरे दिन सती चरित्र, अजामिल, ध्रुव, प्रहलाद चरित्र का वर्णन

प्रतापगढ़ , श्रीमद्ग भागवत कथा के तीसरे दिन सती चरित्र, अजामिल, ध्रुव, प्रहलाद चरित्र का वर्णन

प्रतापगढ़। जनपद के नगर पंचायत अंतू के दशरथ नगर वार्ड निवासी कथा व्यास परम पूज्य श्री संजय वशिष्ट जी महाराज इन दिनों मुजफरनगर के प्रसिद्ध दिव्य स्थल श्रीमद् भागवत प्रकट भूमि शुक्रतीर्थ त्यागी आश्रम में भक्तों को श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करा रहे हैं। शुक्रतीर्थ त्यागी आश्रम क्षेत्र में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास परम पूज्य श्री संजय वशिष्ट जी महाराज ने श्रद्धालु एवं भक्तों को सती चरित्र, अजामिल चरित्र, ध्रुव चरित्र और प्रहलाद चरित्र की पुण्य कथा का श्रवण कराया। कथा का श्रवण कराते हुए श्री संजय वशिष्ट जी महाराज ने बताया कि सती माता का भगवान शिव के प्रति प्रेम, उनका त्याग और पिता दक्ष के प्रति कर्तव्य निर्वहन का प्रसंग अत्यंत प्रेरणादायक है, अजामिल की कथा में यह संदेश निहित है कि अंत समय में प्रभु नाम का स्मरण भी मनुष्य को मोक्ष प्रदान कर सकता है। ध्रुव चरित्र में बताया गया कि मात्र पांच वर्ष की आयु में ध्रुव ने तपस्या कर प्रभु की कृपा प्राप्त की और अमर स्थान को प्राप्त हुए। वहीं, प्रहलाद चरित्र में भगवान नारायण की भक्ति की महिमा और भक्त की रक्षा के लिए भगवान के नरसिंह अवतार का प्रसंग भक्तों को भाव-विभोर कर गया। कथा व्यास ने बताया कि भगवान से प्रेम करने वाला मनुष्य भगवान के कृपा पात्र रहता है, और भक्तों पर जब मुशीबत आती है तो भगवान किसी न किसी रूप को धारण कर भक्तों की रक्षा करते हैं, जैसे भगवान ने हिरणाकश्यप से प्रहलाद की रक्षा किये थे। कथा को सुनने के लिए स्थल पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, वातावरण ‘हरे कृष्णा-हरे राम’ के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान कथा में मुख्य यजमान भूतपूर्व जिला जज ममता त्यागी, आचार्य राम मिलन दूबे, आचार्य राहुल मिश्रा, दीपक शर्मा, प्रेम पंडित जी सहित सैकड़ों भक्त उपस्थित रहे।

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