
28 जनवरी महाकुंभ में भटकी छत्तीसगढ़ की माता धनबाई को परिवार से मिलने में समाजसेवी को मिली सफलता
बेटों के साथ माता धनबाई को भेजा छत्तीसगढ़ अपने गांव में मैरोनी
*।। सोशल मीडिया, जनमानस, मीडिया परिवार की सक्रियता से मिली कामयाबी:- रोशनलाल उमरवैश्य*
महाकुंभ स्नान करने के लिए महिलाओं व अपने पति संग छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले की मैरोली गांव की रहने वाली माता धनबाई दिनांक 28 जनवरी की रात भगदड़ में अपने परिवार से बिछुड़ गई थी। वह चार दिन मेले में अपने परिवार को ढूंढती रही। वहां किसी ने अयोध्या डिपो की बस पर बैठा दिया था वह बस से चिलबिला पहुंच गई। यहां पर समाजसेवी रोशनलाल उमरवैश्य व चौकी प्रभारी के सहयोग से वृद्धाश्रम में रख दिया गया था और माता जी से पता और उनकी फोटो सोशल मीडिया पर डाली गई थी।
एलायंस क्लब की इंटरनेशनल डायरेक्टर समाजसेवी रोशनलाल उमरवैश्य ने बताया कि माता धनबाई को वृद्धाश्रम में रखकर उनकी फोटो और उनके बताए हुए गांव छत्तीसगढ़ तक पहुंचाने का प्रयास किया। छत्तीसगढ़ के भी जानने वालों के पास वीडियो मैंने भेजा था। सब के अथक प्रयास से माताजी के घर का पता मिला और उनके घर से उनके लड़के का मोबाइल नंबर लेकर माताजी के बारे में सूचना दी। उनका लड़का कन्हैयालाल अपने माताजी को मेले में घायल मरीजों के बीच ढूंढ रहा था। जब उसे जानकारी दी तो उसका आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहा था। फिर लड़के को बुलाकर माता धनबाई से मिलाया और माता जी को साड़ी, साल, कंबल, किराया आदि देकर छत्तीसगढ़ के लिए रवाना किया गया। माता धनबाई अपने बेटों को पाकर आंसू बहाते हुए यही कह रही थी कि आज मेरा उजड़ा परिवार बेटा रोशनलाल की मेहनत से फिर से बस गया। लड़के कन्हैयालाल ने बताया कि उस दिन भगदड़ में मेरे पिताजी भी बिछड़ गए थे वह दो दिन बाद घर पहुंचे थे। आज माता जी भी मिल गई भैया रोशनलाल जी ने मुझे पल-पल सूचना देते रहे और मुझे रेलवे स्टेशन पर लेने आए और मेरी माता जी को उपहार देकर हमारे परिवार को बचाने में बहुत ही सराहनीय कार्य किया। मेरे घरवाले तो मान चुके थे कि अब मेरी माता जी इस जन्म में घर वापस नहीं आएंगी। इसमें सोशल मीडिया व जनमानस, मीडिया परिवार का बहुत बड़ा योगदान रहा। जिससे 4 घंटे में ही यह सफलता मिल पाई। सहयोग में चौकी प्रभारी चिलबिला व स्टाफ, वृद्धाश्रम के प्रबंधक अंबिका प्रसाद, आदर्श कुमार, विवेक कुमार, रंजीत मोदी छत्तीसगढ़, पंकज, उपेंद्र चौहान, शनि महाराज आदि सैकड़ो लोगों ने छत्तीसगढ़ आदि प्रान्तों से फोन कर जानकारी दी।