
सरकारी भूमि पर खड़े लाखों रुपयों के बृक्षों को चोरी से काटकर भू माफिया करा रहे अवैध इमांरत का निर्माण
मिश्रित सीतापुर / विकासखंड मिश्रित की ग्राम पंचायत गुलरिहा के मजरा बहराखेड़ा में पंचायत भवन के पीछे स्थित जंगल झांडी की सरकारी भूमि व सरकारी नाले के पास स्थित भूमि पर खड़े लाखों रुपए के बेसकीमती बृक्षों को गांव के भूमाफियाओं ने चोरी से कटाकर साफ ही नहीं करा दिया । बल्कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करके इमांरत का निर्माण कार्य करना भी शुरू कर दिया है । तहसील के राजस्व विभाग में तैनात अधिकारी व कर्मचारी सब कुछ जानकर भी अंजान बने हुए हैं । आपको बता दें । कि ग्राम बहराखेड़ा में पंचायत पंचायत भवन के पीछे स्थित गाटा संख्या 320 व सरकारी नाले के पास स्थित गाटा संख्या 325 में काफी वर्षों पुराने नीम , चांदी , सेमल आदि के सैकड़ो जंगली पेड़ खड़े थे । परंतु एक सप्ताह पहले गांव के ही निवासी दुर्गा प्रसाद व अनुज कुमार आदि ने उन्हें चोरी से कटाकर लाखों रुपए में बेच दिया है । और सभी बृक्षों के जडे जेसीबी मशीन से खुदाकर उपरोक्त भूमि पर क्षेत्रीय लेखपाल और कानून व तहसीलदार को कानूनी कार्यवाही की खुली चुनौती देकर अवैध इमांरत का निर्माण कार्य कराना शुरू कर दिया । ग्रामीणों ने मांमले की सूचना राजस्व विभाग के अधिकारियों को दी ।जिससे क्षेत्रीय लेखपाल मौके की जांच करने गए । परंतु वह लाखों रुपए के काटे गए वृक्षों की कोई बात न करके उनको अवैध निर्माण कार्य कराने से मना कर आए थे । परंतु भूमिया इतने ताकतवर है । कि क्षेत्रीय लेखपाल और कानूनगो को खुली चुनौती देकर अवैध निर्माण कार्य करना बंद नहीं किया । जो बराबर चल रहा है । मांमले में मजेदार बात यह है । कि भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन का दावा कर रहे हैं । पर उनके ही मातहत अधिकारी और कर्मचारी उनके आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं । जिसका जीता जागता उदाहरण आज ग्राम बहराखेड़ा में देखा जा सकता है । उपरोक्त भू माफियाओं को यहां के प्रधान अंकित मिश्रा ने रोकने का प्रयास किया । जिससे उन्होंने उनको चुनाव में हरा देने की धमकी देने सहित काफी चुनौती दे डाली । वह इन भू माफिया से डरे और सहमे हुए हैं ।
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ग्राम पंचायत बहराखेड़ा के निवासियों का आरोप है । कि क्षेत्रीय लेखपाल और कानूनगो तथा प्रभारी तहसीलदार की मिली भगत से सभी भूमिया लाखों रुपए के सरकारी बृक्षों को चोरी से कटाकर बेंच लिया है । और उनकी ही सह पर सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करके इमांरत का निर्माण कार्य करना शुरू कर दिया है ।
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ग्राम प्रधान अंकित मिश्रा का कहना है । कि उनको जानकारी हुई तो उन्होंने भूमाफियाओं को रोकने का काफी प्रयास किया । परंतु भूमिया नहीं माने । जिस पर उन्होने क्षेत्रीय लेखपाल को मांमले से अवगत कराया । और क्षेत्रीय लेखपाल ने मौके पर पहुंच कर काटे गए लाखों रुपए के बेसकीमती बृक्षों की कोई बात न करके भू माफियाओं से अवैध निर्माण कार्य रोकने की बात कह कर चले आए । फिर भी भू माफिया बराबर निर्माण कार्य कर रहे हैं । आखिर इसका जिम्मेदार कौन ?